जबलपुर। मध्य प्रदेश(MP) में ऑक्सीजन(Oxygen) की किल्लत और रेमडेसिविर (Remdesivir)की कमी के बीच होई कोर्ट(Highcourt) ने केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government)को फटकार लगाई है. चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक(Chief Justice Mohammad Rafiq ) और जस्टिस अतुल श्रीधरन(Justice Atul Sreedharan) की डबल बेंच ने तीन याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई के बाद केंद्र सरकार के खिलाफ खासी नाराजगी दिखाई है. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि केंद्र यह तय करे कि आगे से कोई भी किसी राज्य का ऑक्सीजन न रोक पाए.
इतना ही नहीं कोर्ट ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई के भी आदेश दिए. इस मामले में अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी. जिसमें कोर्ट केंद्र व प्रदेश सरकार से 19 बिंदुओं में अब तक हुए पालन की प्रगति की रिपोर्ट मंगाई है.
स्वत: संज्ञान लेकर कोर्ट कर रही सुनवाई
प्रदेश में कोरोना इलाज को लेकर कोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका की सुनवाई कर रही है. मामले में कोर्ट मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ की ओर से आवेदन दायर कर कहा गया है कि ऑक्सीजन की कमी से जबलपुर सहित शहडोल, ग्वालियर, इंदौर और प्रदेश के कई क्षेत्रों में अस्पताल में भर्ती मरीजों की मौत हो चुकी है. इसलिए सरकार अभी से पर्याप्त इंतजाम करे.
ऑक्सीजन टैंकर के झांसी भेजने का मामला
हाई कोर्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन जबलपुर की और से डाली गई तीसरी याचिका में कहा गया था कि बोकारो के स्टील प्लांट से एक ऑक्सीजन टैंकर सागर भेजा गया था, लेकिन बीच रास्ते से उस टैंकर को झांसी भेज दिया गया. सागर में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत हो रही है. इस मामले में कोर्ट से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया था.
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