नई दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद स्वाति मालीवाल (swati maliwal) के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) के करीबी सहयोगी बिभव कुमार (Bibhav Kumar) की अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को सुनवाई योग्य करार दिया. न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने पहले केवल विचारणीयता के पहलू पर 31 मई को आदेश सुरक्षित रखा था, जब दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने बिभव की याचिका का विरोध करते हुए इसे सुनवाई के अयोग्य बताया था.
दिल्ली पुलिस के वकील संजय जैन ने कोर्ट को बताया था कि बिभव ने सीआरपीसी की धारा 41ए का पालन न करने के आधार पर अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी. हालांकि, इसी मुद्दे पर ट्रायल कोर्ट द्वारा पहले ही निर्णय लिया जा चुका है और उस आदेश को अभी तक उनके द्वारा चुनौती नहीं दी गई है. बिभव कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने दलीलों का विरोध करते हुए कहा था कि इस तरह गिरफ्तार करके, बिभव के मौलिक अधिकारों का शोषण किया गया.
उन्होंने अपनी दलील में कहा था कि दिल्ली पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 41ए का पालन नहीं करके प्रक्रिया का उल्लंघन किया है. बिभव कुमार पर 13 मई को नई दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास के भीतर AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर हमला करने का आरोप है. कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था. बिभव ने 26 मई को दिल्ली की तीस हजारी अदालत द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज करने के बाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
बिभव कुमार ने याचिका में अदालत से अपनी गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है. उन्होंने दावा किया है कि उन्हें ‘गुप्त उद्देश्य’ के तहत गिरफ्तार किया गया, जबकि उनकी अग्रिम जमानत अर्जी निचली अदालत में लंबित थी. बिभव ने इसे अपने मौलिक अधिकारों के साथ-साथ कानून का उल्लंघन करार दिया है. इस बीच, न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता की एक अन्य पीठ ने सोमवार को बिभव कुमार की जमानत अर्जी पर जवाब दाखिल करने के लिए स्वाती मालीवाल के वकील को समय दिया और मामले की सुनवाई 8 जुलाई तक के लिए टाल दी.
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