इंदौर के अलावा आसपास के भूमाफियाओं से ठगाए लोग पहुंचे… इतनी बार बजी तालियां कि शिवराज हो गए गदगद
इंदौर। भूमाफियाओं (Land mafia) से पीडि़त भूखंडधारकों की खुशी कल देखते ही बनती थी। पिछले 25-30 सालों से देख रहे अपने मकान का सपना अब साकार होने के चलते इतनी संख्या में लोग पहुंचे कि ब्रिलियंट का विशाल हॉल भी छोटा पड़ गया और बड़ी संख्या में लोग बाहर खड़े रह गए, क्योंकि प्रवेश बंद करना पड़ा। इंदौर के अलावा आसपास के जिलों के भी भूमाफिया से ठगाए लोग अपने आवेदन लेकर पहुंच गए। पीडि़तों द्वारा मुख्यमंत्री का आभार और स्वागत इतनी बार किया गया और खड़े होकर लगातार तालियां बजती रहीं कि खुद शिवराज भी गद्गद् हो गए और फिर उन्होंने जोशीला भाषण भी दिया, जिसमें बब्बू-छब्बू, बॉबी, मद्दा से लेकर किसी को भी न बख्शने और पूर्व की 10 फीट जमीन में गाडऩे की चेतावनी भी दोहरा दी। अफसरों से कहा कि आउट ऑफ वे जाकर भी पीडि़तों की मदद करें। पूरी सरकार उनके साथ खड़ी है। इंदौर जिला प्रशासन की पीडि़तों ने जबरदस्त जमकर तारीफ भी की।
यह पहला मौका है, जब भूमाफियाओं को जेल भेजने की कार्रवाई तो हो रही है, मगर उसके साथ पीडि़तों को भूखंडों के कब्जे भी दिलवाए जा रहे हैं। अभी दो कॉलोनियों अयोध्यापुरी (Ayodhyapuri) और पुष्प विहार (Pushp Vihar) में ही डेढ़ हजार से अधिक पीडि़तों को त्वरित न्याय मिल गया, जिसके चलते विभिन्न रहवासी संघों ने कल शाम ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) का भव्य सम्मान किया। इस अवसर पर एक वीडियो फिल्म भी दिखाई गई कि किस तरह भूमाफियाओं ने पीडि़तों की जमीनें हड़प लीं और अवैध रजिस्ट्रियां कर डालीं। अयोध्यापुरी के गौरीशंकर लाखोटिया, पुष्प विहार के नंदकिशोर मिश्रा, श्री महालक्ष्मी के अरुण सक्सेना सहित अन्य ने कहा कि उन्हें भरोसा ही नहीं हो रहा है कि इस जन्म में भूखंड मिल गए। कई लोग तो खुशी के मारे रो पड़ते हैं। बड़ी संख्या में बुजुर्ग भूखंड पीडि़त भी मुख्यमंत्री का स्वागत करने पहुंचे। कोरोना प्रोटोकॉल (Corona Protocol) के चलते क्षमता से कम लोग बुलाना थे, मगर भीड़ इतनी हो गई कि हॉल पूरा भरा गया और बड़ी संख्या में लोग बाहर ही रह गए, क्योंकि प्रवेश बंद करना पड़ा। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अपने सम्मान के प्रत्युत्तर में कहा कि मुझे आभार एवं स्वागत की जरूरत नहीं है। नागरिकों की खुशी, मुस्कराहट एवं उनके चेहरे की चमक ही मेरा स्वागत है। मैं जनता का सेवक हूं। मैं आपको न्याय दिलाने के लिए हूं। मुझे जनता का आनंद एवं संतोष चाहिए। मैं जनप्रतिनिधियों का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे वास्तविक समस्याओं से अवगत कराया, जिससे मैं पीडि़तों को उनका हक एवं न्याय दिलवा सका हूं। उन्होंने कहा कि मेरा लक्ष्य है कि आम जनता को न्याय एवं अधिकार मिले। प्रदेश में किसी भी भूमाफिया को नहीं छोड़ा जाएगा। बेईमानों, बदमाशों, गुंडों को मध्यप्रदेश छोड़ देना चाहिए। जनता के साथ अत्याचार एवं अन्याय करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हाल ही में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक पास हो गया है। बालिकाओं के साथ दुराचार एवं अनाचार करने वालों को इसके माध्यम से सख्त सजा मिलेगी। प्रदेश में सबको न्याय मिलेगा।
इंदौर जैसी कार्रवाई पूरे देश में कहीं नहीं
जिस तरह इंदौर ने स्वच्छता के मामले में लगातार चार बार नंबर वन आकर मिसाल कायम की, जिसकी शुरुआत निगमायुक्त के रूप में मनीष सिंह ने ही की थी, वहीं उन्होंने अब कलेक्टर बनकर भूखंड पीडि़तों को जिस तरह तुरंत न्याय दिलवाया और 10 दिनों में ही 600 करोड़ रुपए से अधिक की जमीनें भूमाफियाओं से सरेंडर करवा लीं, ऐसे उदाहरण देश में देखने को नहीं मिल सकते। भूखंड पीडि़तों की ओर से कहा गया कि प्रशासन ने जो अतुलनीय सहयोग दिया है और जिस तरह कार्रवाई की गई वह देश के लिए उदाहरण है और इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी।
जनसुनवाई में भी आने लगी थोक में शिकायतें
कल जहां बड़ी संख्या में पीडि़तों का जमावड़ा मुख्यमंत्री के स्वागत में लगा, वहीं उसके पहले कलेक्टर कार्यालय में हुई जनसुनवाई में भी अब ऐसे पीडि़तों की संख्या लगातार बढऩे लगी है। अन्य गृह निर्माण संस्थाओं के अलावा निजी कंपनियों द्वारा विकसित टाउनशिप और बिल्डिंगों में भी ठगाए पीडि़त आ रहे हैं, जिसमें पिनेकल ड्रीम्स, जेएसएम देवकॉन से लेकर वीर सावरकर को-ऑपरेटिव सहित न्याय नगर, कविता गृह निर्माण, दीपकुंज, जागृति, मजदूर पंचायत सहित अन्य तमाम संस्थाओं के पीडि़तों ने अब शिकायतें करना शुरू कर दी हैं। जनसुनवाई में भी कल अधिकांश भूखंड पीडि़त ही पहुंचे।
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