डेस्क। हमारे धर्म शास्त्रों और पुराणों में पूजा-पाठ और दिनचर्या से जुड़े कुछ ऐसे नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना हर व्यक्ति के लिए जरूरी माना जाता है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक के लिए शास्त्रों में कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से न सिर्फ हमारे जीवन में खुशियां आती हैं, बल्कि हमें पूजा-पाठ का उचित फल भी मिलता है। ऐसे ही शीशा देखने को लेकर भी कई जरूरी बातें बताई गई हैं। अगर आप इन बातों का ध्यान नहीं रखते हैं तो आपकी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
सोने से ठीक पहले अपने आप को शीशे में देखने का क्या होता है असर?
ज्योतिषी चिराग बेजान दारूवाला के अनुसार रात को सोने से पहले शीशा नहीं देखना चाहिए। वास्तु की दृष्टि से भी यह अच्छा नहीं माना जाता है। मान्यता है कि रात को सोने से पहले शीशा देखकर सोने से बुरे सपने आते हैं। अगर आपके शयनकक्ष में शीशा है तो भी रात को सोने से पहले उसे ढक दें ताकि सोते समय परिवार के किसी भी सदस्य की परछाई उसमें न दिखे। ऐसी भी मान्यता है कि रात के समय शीशा देखने से चेहरे पर परछाई भी पड़ने लगती है।
सुबह उठकर भी न देखें शीशा
वहीं यह भी कहा जाता है कि सुबह उठते ही दर्पण में अपना चेहरा नहीं देखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि जागने के बाद आपके चेहरे पर आलस होता है और आप नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित होते हैं। इसलिए शीशे में चेहरा देखने से यह नकारात्मक ऊर्जा और भी बढ़ जाती है और आपका पूरा दिन अच्छा नहीं बीतता।
इन बातो का भी रखें खास ध्यान
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