नई दिल्ली (New Delhi)। देश के आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों (Eight major basic industries country) की वृद्धि दर की रफ्तार (growth rate pace) जनवरी महीने में सुस्त पड़कर 3.6 फीसदी के स्तर (Sluggish to 3.6 percent level) पर आ गई है। यह इसका 15 महीने का निचला स्तर है। हालांकि, जनवरी, 2024 से कम वृद्धि दर की रफ्तार अक्टूबर, 2022 में 0.9 फीसदी थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि जनवरी महीने में सुस्त पड़कर 3.6 फीसदी पर आ गई है। दिसंबर, 2023 में यह 4.9 फीसदी की दर से बढ़ा था, जबकि एक साल पहले की समान अवधि के दौरान आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि की रफ्तार 9.7 फीसदी रही थी। आंकड़ों के मुताबिक रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात और बिजली जैसे क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन के कारण वृद्धि धीमी रही है।
आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2024 में रिफाइनरी उत्पादों और उर्वरक के उत्पादन की दर घटा है, जबकि कोयला, इस्पात और बिजली के उत्पादन की गति धीमी हो गई। हालांकि, इस अवधि के दौरान कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस और सीमेंट के उत्पादन में सालाना आधार पर सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है।
मंत्रालय के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2023-24 के पहले 10 महीने अप्रैल-जनवरी के दौरान आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 7.7 फीसदी रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की समान अवधि में 8.3 फीसदी थी। आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली शामिल है।
उल्लेखनीय है कि देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में इन आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों का योगदान 40.27 फीसदी है।
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