जबलपुर। मध्य प्रदेश की संस्कारधानी सिटी जबलपुर (The green peas of Jabalpur are making sunshine, tasted foreign) वैसे तो संगमरकर के लिए विश्वविख्यात है, लेकिन अब धीरे धीरे सब्जी का स्वाद बढ़ाने वाला हरा मटर (Green pea) भी इस शहर को नई पहचान दिला रहा है, क्योंकि इस इलाके में पैदा होने वाला उच्च क्वालिटी का स्वादिष्ट हरा मटर न केवल स्थानीय बल्कि दूसरे राज्यों के साथ विदेशों में भी लोगों के भोजन का स्वाद बढ़ा रहा है।
बता दें कि जबलपुर अपनी गुणवत्ता और मिठास की वजह से जबलपुर का मटर देश की मंडियों में इस समय हाथों-हाथ बिक रहा है। यही वजह है सीजन आते ही हर मटर की आवक होने लगी है, खास बात यह है कि किसानों द्वारा लाया जाने वाला यह मटर मंडी में व्यापारियों द्वारा हाथो हाथ खरीदा जाता है और इसे दूसरे राज्यों के साथ साथ अन्य देशों में भेजा जाने लगा है। आलम है इस मटर का स्वाद अभी स्थानीय लोग भी ले पाए, लेकिन दूसरे राज्यों में स्वाद बढ़ाने लगा है। मंडी से जुड़े लोगों को कहना है कि व्यापारी किसानों से इस मटर को खरीदकर ट्रकों के माध्यम से बाहर भेज देते हैं।
यहां तक कि ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में व्यापारी किसानों से सस्ते दाम पर खरीदकर अन्य राज्यों को भेज देते हैं। अभी जिले में उत्पादन का 80 प्रतिशत से ज्यादा हरा मटर बाहर ही जाता है, बल्कि इसकी गुणवत्ता और मिठास के कारण देश की मंडियों में जाने लगा है। इस मटर क मांग जापान और सिंगापुर के साथ खाड़ी देशों में भी है।
हर मटर से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि किसानों से थोक भाव में मटर 25 से 30 रुपये किलो की दर से खरीदकर दूसरे राज्यों में 70 से 120 रुपये किले तक में बेचते हैं, जो अच्छा शासा मुनाफा कमाते हैं।
जबलपुर के पाटन, पनागर, शहपुरा समेत आस-पास के इलाकों में इस मोटे दाने की मटर का उत्पादन किया जाता है, हालांकि अब इस मटर खपत को देखते हुए अन्य जगह पर किसान उगाने लगे है। मटर के उत्पादन को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा था कि जबलपुार के मटर को ग्लोबल ब्रांडिंग की जाएगी।
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