इन्दौर। शिक्षा समिति की आड़ में शासन को लाखों रुपए के राजस्व का चूना लगाने के एक मामले में ईओडब्ल्यू ने संस्था के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के साथ पटवारी, तहसीलदार और उपपंजीयक के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। इस प्रकरण में कई तरीके से शासन को चूना लगाया गया है, जिसके चलते कई जांच के बाद कई और आरोपी बनाए जाएंगे। ईओडब्ल्यू इंदौर ने बड़वानी की संत सिंगाजी शिक्षा समिति के अध्यक्ष विनय सोनी, उपाध्यक्ष मेंदाबाई, तत्कालीन पटवारी शरदचंद्र भंडारी, उपपंजीयक हरजीतसिंह ठाकुर और तहसीलदार सुखराम गोलकर के खिलाफ धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में केस दर्ज किया है।
डीएसपी विनोद सोनी ने बताया कि आरोपियों ने ओसर राजपुर में संत सिंगाजी शिक्षा समिति के नाम से एक जमीन ली थी, लेकिन जमीन की रजिस्ट्री संस्था के नाम पर न करते हुए अपने खुद के नाम पर करा ली, ताकि शासन को राजस्व का चूना लगाया जा सके, वहीं रजिस्ट्रार ऑफिस में जो सूची दी, उसमें अलग सदस्यों के नाम दिए, जबकि जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपी गई सूची में अलग सदस्यों ने नाम दिए गए। यहीं नहीं रजिस्ट्री के लिए जो चैक दिया, वह भी बाउंस हो गया। उक्त लोगों ने भूमि को सिंचित से असिंचित करने के लिए पटवारी और तहसीलदार ने भूमि की जांच नहीं की, जबकि वहां पर कुआं बना हुआ था। इस तरह शासन को यहां पर भी चूना लगाया, वहीं रजिस्ट्रार ने जमीन का रिकार्ड नहीं देखा। नियम अनुसार एक साल का रिकार्ड देखना होता है, लेकिन यह जमीन को एक माह पहले की गलत ढंग से असिंचित बताया गया था। इसके चलते उपपंजीयक, पटवारी और तहसीलदार को भी आरोपी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने नाले की जमीन पर स्कूल भी बना लिया। इसके अलावा उस पर लोन भी लिया, वहीं फर्म एण्ड सोसाइटी के इंदौर ऑफिस में भी गलत सूची दी गई। इसके चलते जांच के बाद इस मामले में कई और लोग आरोपी बनेंगे।
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