भोपाल। फसल नुकसानी की सर्वे रिपोर्ट शासन ने लौटा दी है। यहां से प्रशासन ने पुराने फॉर्मेट में रिपोर्ट भेजी थी, शासन ने इसे नए फॉर्मेट और नए मानकों के आधार पर मांगी है। इसके बाद राहत राशि तय होगी, तब मुआवजा जारी किया जाएगा। शासन ने 15 दिन पहले खराब हुई फसलों के लिए राहत राशि के प्रस्ताव को संशोधित आदेश के आधार पर मांगा है। शासन ने कहा है कि एक मार्च-2023 से लागू संशोधित आदेश के आधार पर प्रस्ताव बनाकर दोबारा भेजें। जानकारी के अनुसार, संशोधित आदेश में सिंचित असिंचित के साथ ही लघु, सीमांत किसानों के लिए नए मापदंड बनाए गए हैं। नए आदेश में पचास फीसदी से अधिक फसलें खराब होने पर पूरी तरह क्षतिपूर्ति मान ली जाएगी। क्षतिपूर्ति भी बढ़ाई गई है।
ऐसे समझें संशोधित आदेश
प्राकृतिक आरबीसी 6(4) में 1 मार्च-2023 से पहले 25 से 50 फीसदी फसलों की क्षति पर प्रति हेक्टेयर दो हजार से 4 हजार तक, दस हेक्टेयर तक 20 हजार रुपए सहायता राशि मिलती थी। संशोधित आदेश में 25-33 प्रतिशत नुकसानी पर 5500 और 9500 प्रति हेक्टेयर, इसी तरह से 33- 50 प्रतिशत को 8500 से 16000, 50 फीसदी से अधिक नुकसानी पर 17000 से 32000 प्रति हेक्टेयर का मुआवजा मिलेगा। पहली बार सिंचित और असिंचित फसलों के लिए अलग-अलग मुआवजा राशि का वितरण किया जाएगा। नकदी और उद्यानिकी फसलों की नुकसानी के लिए अलग से प्रावधान किए गए हैं। मकानों के नुकसान की भी भरपाई की जाएगी। संशोधित आदेश 1 मार्च से प्रभावी हुआ है। सीएम ने गत सभा के दिनों इसकी घोषणा भी कर चुके हैं। सर्वे रिपोर्ट के आधार मुआवजा मिलेगा। इधर मौसम ने किसानों की चिंता फिर बढ़ा दी है।
किसानों की चिंता फसल नहीं समेट पा रहे
दो दिन से बूंदाबांदी के चलते किसान अपनी फसल नहीं समेट पा रहे हैं। ज्यादातर किसानों की फसलें कट गई हॅैं। कुछ किसानों की फसलें अभी भी खलिहान में रखी हैं। उद्यानिकी फसलों में प्याज, अरबी की खेती प्रभावित हो रही है। इससे पहले तरबूज समेत अन्य उद्यानिकी फसलें खराब हुईं। इसको लेकर किसान चिंतित हैं। किसानों की मांग है कि बारिश और ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों एवं ग्राउंड की सूची के साथ राहत राशि दी जाए। किसानों को एक ही किस्त में पूरा भुगतान किया जाए। समर्थन मूल्य पर प्रभावित गेहूं को भी खरीदी जाए। किसानों को 600 रुपए प्रति क्विंटल बोनस दिया जाए। प्राकृतिक आपदा एवं कृषि लागत बढऩे से किसानों की आर्थिक स्थिति बिगड़ी है। कर्ज माफ किया जाए।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved