भोपाल। सरकार चहेते अफसरों पर पूरी तरह से मेहरबान रहती है। यहां तक कि उनके लिए नियमों को बदलाव और शिथिल तक कर दिया जाता है। जिस तरह से पुलिस में चहेते अफसरों को एडीजी पदोन्तन होने के बाद भी पुलिस रेंज में पदस्थ रखा जाता है। उसी तरह अब वन विभाग में भी अफसरों के पदोन्नत होने के बाद उन्हें फील्ड में पदस्थ रखा जा रहा है। ग्वालियर के मुख्य वन संरक्षण बीएस अन्नीगिरी अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के लिए पदोन्नत हो चुके हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें ग्वालियर में ही पदस्थ रखते हुए सीसीएफ के पद को अपग्रेड किया है।
बीएस अन्नागिरी को पिछले साल 1 अगस्त को कमलनाथ सरकार ने ग्वालियर का मुख्य वन संरक्षक बनाकर भेजा था। अन्नागिरी मार्च में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षण क लिए पदोन्नत हो चुके हैं। विभागीय सूत्रों ने बताया कि अन्नागिरी ने दिल्ली नजदीक होने की वजह से ग्वालियर में पोस्टिंग चाही है। इसके लिए सरकार ने सीसीएफ के पद को अपग्रेड भी कर दिया है। वन विभाग के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल ने बताया कि विभाग में सीसीएफ स्तर के अफसरों की कमी है, इसलिए ग्वालियर सीसीएफ का पद अपग्रेड किया गया है।
अवैध खनन के लिए बदनाम है ग्वालियर वन वृत्त
ग्वालियर वन वृत्त में दतिया, ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना और भिंड जिले आते हैंं। वन क्षेत्र में लकड़ी की अवैध कटाई, रेत एवं पत्थर के अवैध उत्खनन के लिए ये जिले बदनाम हैं।
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