नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र सरकार (Central government) ने चालू विपणन सत्र 2022-23 (Current Marketing Session 2022-23) में अबतक 5.58 करोड़ टन चावल (5.58 crore tonnes of rice) की खरीदारी की है। इसके साथ ही सरकार ने 1.22 करोड़ किसानों को 1.7 लाख करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान किया है।
खाद्य और सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में बताया कि अबतक 5.58 करोड़ टन चावल की खरीद हुई है। रबी विपणन वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में अबतक गेहूं की खरीद 2.62 करोड़ टन रही है, जो पिछले साल की कुल खरीद 1.88 करोड़ टन से कहीं ज्यादा है। सरकार ने गेहूं के लिए 21.29 लाख किसानों को लगभग 55,680 करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान किया है।
मौजूदा खरीफ विपणन सत्र (अक्टूबर-सितंबर) में 19 जून तक कुल 8.3 करोड़ टन धान (5.58 करोड़ टन चावल) की खरीद की गई है। मिलों में इसे चावल में बदलने के बाद केंद्रीय पूल में करीब 4.01 करोड़ टन चावल प्राप्त हो चुका है, जबकि डेढ़ करोड़ टन चावल मिलना बाकी है। केंद्र की चावल खरीद कार्यक्रम से 1.22 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं। उन्हें एमएसपी के तौर पर लगभग 1,71,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
मंत्रालय के मुताबिक गेहूं और चावल का संयुक्त स्टॉक 5.7 करोड़ टन पर पहुंच गया है, जो देश की खाद्यान्न जरूरतों के लिहाज से संतोषजनक है। सरकार ने 2022-23 के विपणन सत्र में 6.26 करोड़ टन चावल खरीदने का लक्ष्य रखा है। एफसीआई ने विपणन सत्र 2021-22 में 5.75 करोड़ टन से अधिक चावल खरीदा था। उल्लेखनीय है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) राज्य एजेंसियों के साथ न्यूनतम मूल्य समर्थन योजना के तहत धान और गेहूं की खरीद करता है। धान की खरीदारी के बाद उसे मिलों में चावल में बदला जाता है।
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