भोपाल । मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) ने कहा कि मध्य प्रदेश को कृष्णमय करने की (To make Madhya Pradesh Krishnamay) सरकार ने तैयारी कर ली है (The Government has made Preparations) । मध्य प्रदेश में एक तरफ जहां राम गमन पथ को विकसित किए जाने की कोशिशें जारी हैं तो वही भगवान कृष्ण से जुड़े स्थानों को विशेष पहचान दी जाने वाली है।
राज्य में कई स्थान ऐसे हैं जहां राम वनवास के दौरान गुजरे थे वही कृष्ण का भी कई स्थानों से नाता है। उन्होंने उज्जैन में संदीपनी आश्रम में शिक्षा ग्रहण की थी। राज्य की मोहन यादव सरकार राम गमन पथ के साथ कृष्ण से जुड़े स्थान को विकसित कर पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने जा रही है। राज्य में कृष्ण और गीता से आमजन को जोड़ने के लिए आठ दिसंबर से 11 दिसंबर तक गीता जयंती समारोह का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम पूरे प्रदेश में आयोजित किए जाएंगे।
राज्य सरकार ने तय किया है कि गीता जयंती 8 दिसंबर से 11 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के तहत कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह कार्यक्रम विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा भी आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में आमजन की हिस्सेदारी बढ़ाने के प्रयास होंगे। कृष्ण और गीता के संदेशों से सभी को अवगत कराने और उन तक सार्थक संदेश पहुंचाने के प्रयास भी जारी रहेंगे । राज्य सरकार ने राजधानी स्थित मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में 11 दिसंबर को गीता का सस्वर पाठ करने के लिए हजारों आचार्य को आमंत्रित किया है। यह ऐसा आयोजन होगा जो नया कीर्तिमान स्थापित करेगा। इस मौके पर साधो बैंड वृंदावन की संस्कृति की भी प्रस्तुति करेगा।
राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहा है कि भगवान कृष्ण ने न सिर्फ मध्य प्रदेश के उज्जैन, बल्कि अन्य स्थानों पर भी जाकर उस दौर में मानव जीवन को सार्थक बनाने का संदेश दिया था। उन्होंने कर्म, अनुशासन और उस युग में भी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन कर संपूर्ण समाज के लिए अनुच्छेद दृष्टांत प्रस्तुत किए।
राज्य सरकार इस मौके पर एक अनूठा प्रयोग भी करने जा रही है जिसके तहत पर्यटकों और श्रद्धालुओं को शासकीय विश्रामगृह और निजी होटल में गीता और रामायण उपलब्ध कराई जाएगी। इसका मकसद राम और कृष्ण के संदेश जन-जन तक पहुंचाना है।
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