नई दिल्ली। सरकार ने छोटी कंपनियों के पेड अप कैपिटल और टर्नओवर से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। माना जा रहा है कि इन बदलावों से कंपनियों पर कंप्लायंस का दबाव घटेगा। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय, जो देश में कंपनी लॉ लागू करती है ने अपने ताजा फैसले में छोटी कंपनियों को नए सिरे से परिभाषित किया है। सरकार ऐसा करके इज ऑफ डूईंग बिजनेस को बढ़ावा देना चाहती है।
स्मॉल कंपनियों के पेडअप कैपिटल की अधिकतम सीमा दो करोड़ से बढ़ाकर चार करोड़ हुई
सरकार की ओर से किए गए ताजा बदलावों के तहत छोटी कंपनियों के पेडअप कैपिटल के दायरे को अधितम दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर अधिकतम चार करोड़ रुपये कर दिया गया है। सरकार के नए नियमों के मुताबिक छोटी कंपनियों के टर्नओवर की सीमा जो पहले अधिकतम 20 करोड़ रुपये थी उसे अब बढ़ाकर 40 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
स्मॉल कंपनियां संक्षिप्त वार्षिक रिटर्न दाखिल कर सकेंगी
सरकार ने शुक्रवार को एक रिलीज जारी कर इस बात की जानकारी दी है। सरकार की ओर से नियमों में किए गए इन बदलावों से अब अधिक से अधिक कंपनियों लघु कंपनियों की श्रेणी में शामिल हो सकेंगी। मंत्रालय के अनुसार, छोटी कंपनियों को वित्तीय विवरण के हिस्से के रूप में नकदी प्रवाह विवरण तैयार करने की आवश्यकता में भी छूट दी गई है और वे संक्षिप्त वार्षिक रिटर्न दाखिल कर सकती हैं। उन्हें बार-बार लेखा परीक्षको को भी बदलने की जरूरत नहीं होगी।
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