इंदौर। सरकार की योजना सरल और सहज हो और जिसमें अपनेपन का भाव जगाने की तार्किकता बने तो कठिन काम भी आसान हो जाता है। कोरोना काल में बेसहारा हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना से रिश्तेदारों में चेतना जागी और उन्होंने बेसहारा हुए बच्चों को आसरा देने के लिए हाथ बढ़ाया। इंदौर में 25 बच्चों को अब तक इस योजना का लाभ मिला है। इसमें चाचा, मामा, ताऊ, बुआ ने इनकी जिम्मेदारी आगे तक उठाने का संकल्प लिया है।
कोरोना संक्रमण में माता-पिता को खो चुके बच्चों के लिए मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना वरदान बन रही है। इंदौर जिले में अभी तक 25 बच्चों को योजना का लाभ दिया जा चुका है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि इन सभी बच्चों के अभिभावक उनके रिश्तेदार बने हैं, जिससे कि बच्चों के साथ आत्मीयता, सहानुभूति और अपनत्व का भाव भी बना रहेगा। 15 आवेदनों के लिए महिला एवं बाल विकास ने 25 बच्चों की प्रक्रिया को अभी तक पूरा कर दिया है। इनमें से 12 बच्चों को लाभ दिए जाने की कार्रवाई पूरी हो चुकी है, वहीं कुछ अन्य आवेदन अभी विभाग के पास प्रक्रियाधीन हैं। इन बच्चों को प्रतिमाह 5000 रुपए, राशन, शिक्षा और अन्य सुविधाएं सरकार द्वारा मुहैया कराई जाएंगी। इन सुविधाओं में सरकार की ओर से इलाज करने के बाद परिवार के रिश्तेदारों को बेसहारा हुए बच्चों को आसरा देने का संबल मिला और ऐसा ही इंदौर के शहरवासियों ने कर भी दिखाया। हालांकि विभाग ने ऐसे बच्चों के लिए फिट फैसिलिटी टिफिन सेंटर बनाए थे, लेकिन इंदौर में कोई भी बच्चा इन आश्रमों में नहीं गया, क्योंकि उन्हें संभालने के लिए रिश्तेदार ही आगे आ गए थे।
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