नई दिल्ली: सरकार ने घरेलू बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को काबू में रखने के लिए 1 जुलाई को इनके निर्यात पर लगाए विंडफॉल टैक्स (Windfall Tax) में संसोधन किया है. सरकार ने क्रूड, डीजल और जेटफ्यूल (ATF) पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स में संसोधन के संबंध में मंगलवार को नोटिफिकेशन जारी किया.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, अब सरकार ने पेट्रोलियम क्रूड टैक्स 17,000 रुपए प्रति टन से बढ़ाकर 17,750 रुपए टन कर दिया है. वहीं जेटफ्यूल पर टैक्स को समाप्त कर दिया गया है. पहले जेटफ्यूल पर 4 रुपए प्रति लीटर टैक्स लग रहा था. इसी तरह डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 11 रुपए प्रति लीटर से घटकर 5 रुपए लीटर कर दी गई है.
1 जुलाई को लगाया था विंडफॉल टैक्स
सरकार ने घरेलू बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को काबू में रखने के लिए 1 जुलाई को पेट्रोलियम पदार्थों निर्यात पर विंडफॉल टैक्स लगाया था. पेट्रोल और एटीएफ के एक्सपोर्ट पर छह रुपये प्रति लीटर की दर से विंडफॉल टैक्स लगाया था, जबकि डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर का कर लगाया लागू किया गया था. साथ ही घरेलू क्रूड पर 23,230 रुपये प्रति टन की एक्साइज ड्यूटी लगाई गई थी.
पहले भी हो चुकी है कटौती
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में आई गिरावट को देखते हुए सरकार ने 21 जुलाई को भी विंडफॉल टैक्स में संसोधन किया था. डीजल और एविएशन फ्यूल के एक्सपोर्ट पर विंडफॉल टैक्स (Windfall tax) में प्रति लीटर 2 रुपये की कमी की गई थी, जबकि पेट्रोल के निर्यात पर छह रुपये प्रति लीटर की लेवी को पूरी तरह खत्म कर दिया गया था. घरेलू क्रूड के निर्यात पर टैक्स को 27 फीसदी घटाकर 17 हजार रुपये प्रति टन कर दिया गया था.
विंडफॉल टैक्स हटने का किसे होगा फायदा?
विंडफॉल टैक्स में कटौती का फायदा रिलायंस इंडस्ट्रीज, ऑयल इंडिया और वेदांता लिमिटेड को फायदा होगा. इनके अलावा रूस की रॉस्नफेट बेक्ड नायरा एनर्जी को भी फायदा होगा, जो गुजरात में सालाना 20 मिलियन टन क्षमता की रिफाइनरी का संचालन करती है. जानकारों का कहना है कि सबसे ज्यादा फायदा रिलायंस इंडस्ट्रीज को होगा. कंपनी की गुजरात में दो ऑयल रिफायनरी हैं. इनमें से एक का प्रयोग केवल निर्यात के लिए ही होता है.
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