भोपाल। कोरोना यदि रोड़ा नहीं डालता तो प्रदेश में 93 हजार ग्रामीण सड़कों का जाल बिछ जाता। ग्रामीण बसाहटों को सड़क से जोडऩे के लिये इनको प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत स्वीकृति मिली है। बावजूद इसके अब तक सिर्फ 81.26 प्रतिशत कार्य ही हो सका है। जबकि लक्ष्य की पूर्ति के लिये 2025 तक करीब 7 हजार किमी की सड़कों का निर्माण अभी किया जाना है। इसमें 431 पुलिया भी शामिल है। हालांकि प्रदेश की 250-500 संख्या वाली 17484 ग्रामीण बसाहट को सड़क की सुविधा मिल चुकी है। इतना ही नहीं 100-250 ग्रामीण बसाहट को 3 सड़कों से जोड़ा जा चुका है। बावजूद इसके 2019-2020 में सामने आई वैश्विक महामारी कोरोना के प्रभाव ने निर्माण कार्य पर विपरीत असर डाला है।
सितंबर 2022 तक पूरा करना है निर्माण
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना यानी पीएमजीएसवाई के तहत प्रदेश में 92,407.60 किमी की सड़क बनाई जानी है। इनमें 75097 किमी की सड़क जहां पहले चरण में मंजूर की गई थी। इसके बाद दूसरे व तीसरे चरण में 17310 किमी स्वीकृत दी गई है। तीसरे चरण में मंजूर 12365.5 किमी की सड़कें 2025 तक बनाई जानी है, लेकिन पहले चरण में स्वीकृत 75097 किमी व दूसरे में मंजूर हुई 4945 किमी की सड़क का निर्माण कार्य सितंबर 2022 में पूरा करने की सीमा तय की गई है।
20 वर्ष में सिर्फ 826 पुल का निर्माण
इस योजना के तहत प्रदेश में 1257 लंबी अवधि के पुल यानी एलएसबी का निर्माण किया जाना था। बावजूद इसके बीते 20 वर्ष की अवधि में सिर्फ 826 एलएसबी का निर्माण हो पाया है। इसके चलते आगामी समय में 431 एलएसबी (लॉंग स्पैन ब्रिज) का निर्माण तय समय में पूरा करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
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