इंदौर। पिनेकल ड्रीम्स टाउनशिप के 16वें माले से गिरने पर हुई मुस्कान अग्रवाल की मौत को पुलिस ने आत्महत्या मान लिया। उसके परिचितों से पुलिस को पता चला कि उसे एक ऐसी बीमारी थी, जिसमें उसे पूरे शरीर में दर्द का एहसास होता था, लेकिन किसी भी मेडिकल रिपोर्ट में यह बात सामने नहीं आती थी कि उसे क्या हुआ है। लेकिन पुलिस की इस थ्योरी से उसके परिजन संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि उसके साथ कुछ न कुछ ऐसा घटित हुआ, जिसके चलते उसकी मौत हुई। पुलिस को इस पहलू की जांच करना चाहिए, ताकि कारण पता चल सके।
सेंधवा के पास बरुफाटक की रहने वाली मुस्कान अग्रवाल के पिता मनीष अग्रवाल और रिश्तेदार पुलिस की इस थ्योरी से संतुष्ट नहीं है। उनका मानना है कि उसे कोई ब्लैकमेल कर रहा था, लेकिन पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हर बिंदु पर जांच की जा चुकी है। मुस्कान जिस होस्टल में रहती थी वहां उसकी सभी सहेलियों से पूछताछ की जा चुकी है, लेकिन ऐसी कोई बात निकलकर नहीं आई, जिससे उसकी मौत का राज खुले। उसके मोबाइल की भी जांच में किसी प्रकार का सुराग हाथ नहीं लगा। पुलिस को पता चला कि मुस्कान कुछ दिनों से एक मानसिक बीमारी की दवाई खा रही थी। उस बीमारी को लेकर एक से डेढ़ साल तक वह ज्यादा परेशान रहने लगी। उसे लगता था कि उसके पूरे शरीर में दर्द हो रहा है, लेकिन इसकी जांचें कराई जातीं तो कुछ भी नहीं निकलता था। उसे दर्द नहीं, दर्द का आभास होता था। संभवत: उसी के चलते वह डिप्रेशन में थी और यह कदम उठा लिया। हालांकि पुलिस ने अभी जांच बंद नहीं की है, लेकिन वह आत्महत्या की वजह यही मान रही है, क्योंकि दूसरी वजह अभी तक सामने नहीं आई है। पूरे मामले को लेकर डॉ. शक्तिसिंह मौर्य का कहना है कि मरीज की ऐसी अवस्था को फियचेस्ट्रिक इलनेस और मेंटल डिसआर्डर कहते हैं। इसमें शरीर में दर्द का एहसास बना रहता है, जो लैब जांच में सामने नहीं आता। हालांकि ऐसे मरीजों की संख्या कम ही रहती है।
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