उज्जैन। माकड़ोन के समीप रहने वाली नौवी कक्षा की छात्रा की दो दिन पहले मौत हो गई थी और परिजनों ने आरोप लगाया था कि वैकसीन लगाने के बाद उसकी हालत बिगड़ी और जान गई है। इधर टीकाकरण अधिकारी ने बताया कि छात्रा को एक दिन पहले टीका लगा था और दूसरे दिन शाम को वह खेत पर मृत मिली थी। शव का कल पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया और सेम्पल तीन जगह जाँच के लिए भेजे गए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मौत का कारण पायजनिंग हो सकता है। माकड़ोन के समीप ग्राम काठड़ी में अपने मामा के यहाँ रहने वाली अनुराधा पिता भगवान मकवाना उम्र 16 साल निवासी ग्राम काठड़ी कक्षा नौवीं की छात्रा थी। कल उसे स्कूल में कोरोना का टीका लगाया गया था। टीका लगने के बाद छात्रा अपने घर चली गई। रास्ते में ही वह बेहोश होकर गिर गई। सूचना मिलते ही छात्रा के मामा जितेन्द्र को सूचना लगी वह तत्काल खेत पर पहुँचा और छात्रा को अस्पताल लेकर आ रहा था लेकिन रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। अस्पताल में परीक्षण के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सूचना के बाद पुलिस मौके पर आई और छात्रा के शव को कब्जे में ले लिया। इस दौरान मृतका के पिता सहित मामा और गाँव के सभी लोग अस्पताल में पहुँच गए थे। मृत छात्रा के परिजनों ने बताया कि वैक्सीन लगाने से ही छात्रा की मौत हुई है। इधर आज सुबह एफएसएल अधिकारी प्रीति गायकवाड़ टीम के साथ जाँच करने के लिए मौके पर पहुँच गई थी। जितेन्द्र ने बताया कि अनुराधा अपने मामा मेहरबान सिंह निवासी बिसनखेड़ा के यहां रहकर पढ़ाई कर रही थी। कल सुबह उसका रजिस्ट्रेशन मामा जितेंद्र के फोन पर हुआ था और दोपहर 12 बजे उसे स्कूल में वैक्सीनेशन हुआ था। इधर जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. के.सी. परमार ने आज सुबह चर्चा में बताया कि मृत छात्रा को 5 जनवरी को टीका लगाया गया था और उसे स्कूल में ही आधे घंटे ऑब्जर्वेशन में रखा गया था और इसके बाद वह घर चली गई थी। अगले दिन 6 जनवरी की शाम को उसकी तबीयत बिगड़ी और उसकी मृत्यु हुई। संभवत: यह वैक्सीन के डोज के कारण मौत नहीं हुई, फिर भी आवश्यकता पड़ी तो मामले की जाँच कराई जाएगी। कल सुबह 4 डॉक्टरों की पैनल से मृत छात्रा का पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों में डॉ. जितेन्द्र शर्मा, डॉ. रवि कुमार, डॉ. राकेश मीणा और डॉ. अदिति शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मृतक के बिसरा को तीन जगह जांच के लिए भेजा गया है और उसकी मौत का कारण पायजनिंग हो सकता है लेकिन सेम्पल की रिपोर्ट आने के बाद सही कारण पता चल पाएगा।
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