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गाइड लाइन पर जनता की राय की नौटंकी… दावे-आपत्ति के प्रारूप का प्रकाशन ही भूले

February 29, 2024

  • जमीनों की कीमत बढ़ाई… प्रारूप प्रकाशन ही नहीं किया
  • परिसर में चस्पा नहीं हुई सूची, आज आखिरी दिन, कलेक्टर ने कहा- लापरवाही बर्दाश्त नहीं

इंदौर। गाइड लाइन पर जनता की राय की नौटंकी करने वाले प्रशासन ने शहर की विभिन्न कालोनियों और इलाकों की गाइड लाइन बढ़ाने का प्रस्ताव तो तैयार कर लिया और मूल्यांकन समिति की बैठक भी हो गई, लेकिन जनता के दावे-आपत्तियों के लिए न तो प्रारूप प्रकाशन ही किया गया और न ही परिसर में सूची चस्पा हुई और दावे-आपत्तियों के लिए आज की अंतिम तारीख नियमों का मखौल उड़ाने के लिए जारी कर दी गई।

इंदौर शहर की जमीनों की कीमत बढ़ाने के लिए विभाग के दो अधिकारियों की आपस में ठनी। रजिस्ट्रार कार्यालय तक का मखौल उड़ा रहे हैं। आनन-फानन में हुई बैठक में न केवल नियमों की धज्जियां उड़ाईं, बल्कि जिस सूची को जारी करने की बात की जा रही है, विभागीय अधिकारियों के अनुसार अब तक कोई गाइड लाइन ही तैयार नहीं की है। प्रारूप प्रकाशन को लेकर भी विभाग ने खुद की हंसी उड़वाई है। 29 फरवरी तक दावे-आपत्तियां आमंत्रित तो की गईं, लेकिन किसी भी परिसर में प्रारूप प्रकाशन सूची चस्पा ही नहीं की गई। इस वजह से दावे-आपत्तियां विभाग को कैसे मिलेंगी इस पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं।

जमीनों की दर निर्धारित करने लिए हर साल जिला मूल्यांकन समिति का गठन किया जाता है और यह समिति तय गाइड लाइन से ज्यादा कीमत पर हो रहे जमीनों के सौदे की सूची बनाकर गाइड लाइन बढ़ाने का मसौदा तैयार करती है, जिसमें विधायकों को जनप्रतिनिधियों के रूप में सदस्य बनाकर शामिल किया जाता है। वहीं जिला योजना समिति की बैठक में प्रभारी मंत्री ही भाग लेते आए हैं, किंतु इस बार हुई मूल्यांकन समिति की बैठक न केवल नियमों की धज्जियां उड़ाती जान पड़ रही है, बल्कि विभाग के दो प्रमुखों की आपसी ठनी भी उजागर कर रही है। विभाग ने छुट्टी के दिन अचानक ही मूल्यांकन समिति की बैठक पिछले दिनों सम्पन्न करा ली, लेकिन इस बैठक में न ही कोई जनप्रतिनिधि शामिल हुआ न ही विभाग के वरिष्ठ अधिकारी।

गाइड लाइन में कई खामियां
प्रारूप प्रकाशन को लेकर अधिकारियों से पूछताछ में उजागर हुआ कि जो गाइड लाइन तैयार की गई है, वह सिर्फ बैठक के लिए ही बनाई गई थी। जिले की जमीनों की कीमत को लेकर स्थिति अब भी साफ नहीं है। इस गाइड लाइन में अब भी कई खामियां हैं, जिसमें सुधार कार्य हर दिन किया जा रहा है। संभवत: दावे-आपत्तियों के लिए आज कार्यालय में सूची चस्पा की जाएगी। सूत्रों के अनुसार वरिष्ठतम वरिष्ठ अधिकारी अमरीश नायडू ने जिला पंजीयक के रूप में खुद को साबित करने के लिए गाइड लाइन सामने रखने के बजाय सिर्फ तय की जाने वाली दर को लेकर बनाई गई जानकारी अधिकारियों के सामने पेश कर दी। कलेक्टर आशीषसिंह से जब इस बारे में बात हुई तो उनका कहना था कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वे अधिकारियों से इस विषय में चर्चा करेंगे। उल्लेखनीय है कि दावे-आपत्तियों के बाद फाइनल सूची तैयार की जाती है और उसे राज्य स्तर की समिति में निर्णय के लिए भेजा जाता है।

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