भोपाल। मध्य प्रदेश के लगभग सभी थानों को ई-पुलिसिंग के तहत ऑनलाइन प्रक्रिया से जोड़ा जा चुका है, लेकिन अब साफ्टवेयर को अपडेट किया जा रहा है। इसमें लाइव एफआईआर का विकल्प शामिल किया जा रहा है। इसे लागू करने का काम अंतिम चरण में है। इससे यह फायदा होगा कि एफआइआर दर्ज होते ही पुलिस की वेबसाइट पर भी दिखने लगेगी। इससे पुलिस मुख्यालय को कुछ समय में ही एफआईआर की जानकारी होगी। आम जनता के लिए भी लाइव एफआईआर देखने की सुविधा होगी। जानकारी के अनुसार, इस सुविधा से अपराधों की जानकारी वार्षिक नहीं, बल्कि प्रतिदिन मिलेगी। यह वेबसाइट नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की तर्ज पर काम करेगी। एनसीआरबी का प्रारूप सरकार के स्तर पर मान्य होने से इसे इसी रूप में लागू करने पर सहमति बनी है। किसी नए प्रारूप में इस डेटा को अपलोड करते तो पहले प्रारूप को लेकर सहमति लेनी पड़ती और इसमें लंबा समय लगता। मालूम हो, नए साफ्टवेयर को लागू करने से पहले पुलिस विभाग को कंप्यूटराइज्ड किया जा चुका है। सभी थानों और पुलिस मुख्यालय को क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएन) से जोड़ा गया है। दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों के थाने तकनीकी दिक्कतों के कारण इस सिस्टम में पूरी तरह काम नहीं कर पा रहे हैं। यहां भी तकनीकी सुविधाएं जुटाई जा रही हैं।
यह होगा फायदा
अभी अपराध से संबंधित जानकारी पुलिस मुख्यालय को मिल रही है, लेकिन नए साफ्टवेयर से एफआईआर और चालान संबंधी जानकारी भी तत्काल अधिकारियों को मिलने लगेगी। अभी यह जानकारी ऑफलाइन भेजी जा रही है। पुलिस की वेबसाइट पर आम लोग भी यह जानकारी देख सकेंगे। जानकारों का कहना है कि इस सुविधा से व्यवस्था में पारदर्शिता तो आएगी। साथ ही समय की भी बचत होगी। एफआईआर और चालान से संबंधित किसी जानकारी को मंगवाने में पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों और संबंधित थानों के कर्मचारियों को अतिरिक्त काम करना पड़ता है। अब एक क्लिक पर दोनों पक्ष मामले पर चर्चा कर सकेंगे।
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