पटना। पश्चिम बंगाल से शुरू हुआ राजनीति का खेला धीरे-धीरे महाराष्ट्र से बिहार पहुंच गया है। कुलमिलाकर बिहार में चल रही भाजपा गठबंधन की सरकार का अंत हो गया है और नीतीश कुमार (CM Nitsih Kumar) ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है और अब महागठबंधन (Bihar Grand Alliance)के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे. एक बार पहले भी साल 2017 में नीतीश ने महागठबंधन का साथ छोड़कर बीजेपी (BJP)के साथ हाथ मिला लिया था और बिना चुनाव (Assembly Election) के ही नई सरकार बना ली थी।
बिहार में एनडीए से अलग होने के बाद भाजपा नेताओं ने नीतीश कुमार के विरोध में मोर्चा खोलने का निर्णय लिया है। भाजपा ने नीतीश कुमार के खिलाफ सड़क पर उतरने का ऐलान कर दिया है।
बताया जा रहा है कि भाजपा नेता पार्टी कार्यालय के बाहर बुधवार को धरना प्रदर्शन करेंगे। साथ ही नीतीश को घेरने की नयी रणनीति भी बनायी जाएगी। सूचना मिल रही है कि भाजपा ने पूरे राज्य में नीतीश कुमार और जदयू के विरोध में धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
वहीं दूसरी ओर माना जा रहा है कि बिहार में फिर से चुनाव हुए और एनडीए गठबंधन (NDA Bihar) ने जीत हासिल की और नीतीश सीएम बने, लेकिन इस बार जीत के बाद नीतीश कुमार (Nitish KUmar)को बीजेपी का साथ नहीं भा रहा था और उन्होंने फिर से बीजेपी का साथ छोड़ पहले के साथी राजद-कांग्रेस के साथ दोस्ती कर ली और अब महागठबंधन की सरकार, जो बिना चुनाव में जीत मिले ही बनेगी. नीतीश कुमार बुधवार को फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और महागठबंधन के साथ नई कैबिनेट बनाएंगे।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को नीतीश कुमार ने जदयू के विधायक और सांसदों के साथ बैठक करने के बाद एनडीए से अलग होने का निर्णय लिया और कुछ समय बाद ही अपना त्यागपत्र राज्यपाल को आज दे दिया। इसके बाद उन्होंने महागठबंधन से मिलकर सरकार बनाने की पेशकश भी राज्यपाल से की है। नीतीश कुमार ने 164 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा है। राज्यपाल ने अभी नीतीश कुमार को शपथ ग्रहण के लिए समय नहीं दिया है।
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