सिवनी,छपारा। नगर के फोर लाइन बाईपास पर पिछले कई वर्षों से एक बड़ी पहाड़ी को खोदकर प्लाटिंग करने का खेल चल रहा हैं। यही नहीं कई एकड़ में अवैध उत्खनन कर लाखों रुपए की मुरम चोरी छुपे यहां वहां बेच दी गई और प्रशासन सोते रहा। अब खनिज विभाग हरकत में आया और मौके से एक पोकलैंड मशीन जप्त की गई है वहीं कुछ डंफर फरार हो गए हैं।उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के बायपास से लगे संजय कॉलोनी इलाके से एक निजी भूमि में पहाड़ी खोदकर बड़े पैमाने पर प्लाटिंग के लिए अवैध रूप से मुरम का उत्खनन किया जा रहा था। यह पूरा मामला नगरीय क्षेत्र छपारा के वार्ड क्रमांक 11 रानी लक्ष्मीबाई वार्ड के राष्ट्रीय राजमार्ग से चंद कदमों की दूरी पर बडे पैमाने पर पहाडी को खोदकर प्लाटिंग और मुरम का अवैध उत्खनन बीते कई सालों से किया जा रहा था। किन्तु स्थानीय प्रशासन ने इस ओर ध्यान क्यों नहीं दिया यह समझ से परे हैं।
पहाड़ को खोदकर बना दिया प्लाट, सोता रहा प्रशासन प्तप्त
जिले से आई माइनिंग विभाग की टीम ने जब मौके पर पहुंचकर छापामार कार्यवाही की तो विभाग की टीम दंग रह गई की इतने बड़े पैमाने में पहाड़ी खोदकर मुरम का अवैध परिवहन किया जा चुका हैं। हालांकि मौके से डंपर फरार हो गए वहीं एक पोकलैंड मशीन को खनिज विभाग द्वारा जप्त किया गया है। माइनिंग विभाग ने मौके स्थल पर पहुंचकर तहसीलदार को भी सूचना दी, तहसीलदार निधि शर्मा नायब तहसीलदार भूपेंद्र अहिरवार भी मौके पर पहुंचे जहां उन्होंने अवैध उत्खनन को देखकर दंग रह गए क्योंकि यह पूरा मामला छपारा मुख्यालय का है और तहसील कार्यालय के काफी नजदीक का है ऐसे में जिम्मेदार लोग भी सवालों के घेरे में नजर आ रहे हैं। सवाल इस बात का है कि आखिर अवैध प्लाटिंग के लिए पिछले कई वर्षों से इतने बड़े पैमाने में अवैध उत्खनन किया जा रहा था तब स्थानीय प्रशासन क्या कर रहा था। इस पूरे अवैध उत्खनन और प्लाटिंग के मामले में खनिज और राजस्व विभाग के किन-किन अधिकारियों और कर्मचारियों का संरक्षण प्राप्त था। वहीं उक्त पहाडी की हालत देखकर समझ आ रहा कि काडी लम्बे समय से मुरम के अवैध उत्खनन का खेल चल रहा था,सवाल तो यह भी खडे हो रहे कि बिना किसी राजनीतिक और प्रशासनिक साठगांठ के इतने बडे पैमाने में नगर से लगकर मुरम का उत्खनन सम्भव नही है, खनिज विभाग के लिये उक्त विषय जाँच किसी चुनोतियों से कम नही होगी,अब देखना यह हैं कि विभाग इस पूरे मामले पर क्या करता हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved