इंदौर, राजेश ज्वेल। भाजपा के एक पदाधिकारी से जुड़ा एक मामला इन दिनों भाजपाई और संघ गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पूरे मामले में 200 करोड़ रुपए से अधिक कीमत की बुरहानी गृह निर्माण संस्था की राऊ, एबी रोड से लगी बेशकीमती जमीन की डील का खेल शामिल है, जिसकी शिकायत पिछले दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय यानी पीएमओ तक पहुंची। इस मामले की शुरुआत उस वक्त हुई जब पिछले दिनों बोहरा समाज के धर्मगुरु डॉ. सैय्यदना साहब इंदौर एयरपोर्ट आए थे, तब उनसे समाज के कुछ लोगों ने इस जमीन को लेकर चर्चा की थी। सूत्रों का कहना है कि सैय्यदना साहब से की गई इस चर्चा में यह भी शिकायत की गई कि इस जमीन को योजना से छुड़वाने के एवज में एक बड़ी राशि की मांग भी की गई, जिसके चलते भोपाल, दिल्ली से लेकर नागपुर तक मामले की गोपनीय जांच शुरू कराई गई।
बुरहानी गृह निर्माण संस्था की जमीन बीते कई सालों से प्राधिकरण की रिंग रोड से जुड़ी योजना 97 पार्ट-4 – पार्ट-2 में शामिल रही है। लगभग 20 एकड़ यह जमीन एबी रोड स्थित मां विहार कॉलोनी के पहले आती है, जो आज की तारीख में 200 करोड़ रुपए से अधिक कीमत की हो गई है। बीते कई वर्षों से इस जमीन को छुड़वाने के तमाम राजनीतिक प्रयास भी होते रहे हैं, जिसमें पहले कांग्रेस के कुछ नेता शामिल हुए, तो इसके बाद कुछ भाजपाई नेताओं ने भी रुचि ली। सूत्रों का कहना है कि इंदौर भाजपा के एक पदाधिकारी का नाम भी इस जमीनी डील में सामने आया और एक बड़ी राशि की डिमांड की गई। दरअसल बोहरा समाज के कई लोग इस संस्था के सदस्य हैं, जो लम्बे समय से भूखंड हासिल करना चाहते हैं। मगर योजना में जमीन फंसी होने के कारण प्राधिकरण से एनओसी नहीं मिल पाई। अभी पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट ने प्राधिकरण के पक्ष में फैसला दे दिया, जिसके चलते 97 पार्ट-4 और 2 की 200 एकड़ से अधिक जमीनों में ये बुरहानी गृह निर्माण संस्था की जमीन भी शामिल है। दरअसल प्राधिकरण के पक्ष में अभी सुप्रीम कोर्ट से जो 3 मार्च को फैसला आया उसमें प्राधिकरण विरुद्ध बुरहानी गृह निर्माण संस्था ही प्रमुख पार्टी है, उसके साथ 50 से अधिक अन्य याचिकाएं भी शामिल रही। राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि सैयदना साहब तक चूंकि यह मामला पहुंचा था, जिसकी जानकारी उन्होंने पीएमओ को भी दी।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री के सैयदना साहब से अच्छे मधुर संबंध भी हैं और इंदौर भी वे आ चुके हैं। धर्मगुरु द्वारा मामले की जानकारी पीएमओ को देने के बाद राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चा शुरू हो गई। भाजपाई और संघ से जुड़े लोग इस मामले की पड़ताल में जुट गए। पिछले दिनों भोपाल, दिल्ली से लेकर नागपुर मुख्यालय तक विभिन्न विषयों पर जो चर्चाएं हुईं उनमें एक विषय बुरहानी संस्था की जमीनी डील के कथित खेल का भी शामिल रहा। हालांकि अधिकृत रूप से अभी तक इस मामले की पुष्टि किसी भाजपा या संघ से जुड़े लोगों ने नहीं की है। मगर राजनीतिक हलकों में चर्चा अवश्य है कि इस पूरे मामले की गोपनीय जांच उच्च स्तर से मिले निर्देशों के बाद करवाई जा रही है और संभव है, भविष्य में संबंधित पदाधिकारी के खिलाफ कोई गाज भी गिरे। दरअसल इस जमीन में एक अन्य गृह निर्माण संस्था का भी जुड़ाव बताया जा रहा है, जिसको लेकर कुछ समय पूर्व रियल इस्टेट के एक चर्चित कारोबारी के साथ डवलपमेंट करने का एग्रीमेटं भी हुआ था। दरअसल निचली अदालत में संस्था को कुछ राहत मिली थी, जिसके चलते प्राधिकरण स्तर पर यह प्रयास किए गए कि जमीन को योजना से मुक्त कर दिया जाए, लेकिन इसी बीच सुप्रीम कोर्ट आदेश ने मामला बिगाड़ दिया और समाज के हताश लोगों ने धर्मगुरु को अपनी पीड़ा बताई, जिसके बाद मामले की जानकारी अलग-अलग स्तरों से निकलवाना शुरू किया गया। अब देखना यह है कि इस मामले की जांच की आंच कब और किस पर आती है।
210 एकड़ जमीन का केस सुप्रीम कोर्ट से जीता है प्राधिकरण
अभी पिछले दिनों पूर्वी-पश्चिमी रिंग रोड पर एक हजार करोड़ से अधिक की बेशकीमती जमीनों का फैसला इंदौर विकास प्राधिकरण के पक्ष में आया, जिसके चलते 210 एकड़ जमीन का 7 सदस्यीय दल ने मौका-मुआयना कर अपनी रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी। रेती मंडी, तेजपुर गड़बड़ी, हुकमाखेड़ी की इन जमीनों पर हालांकि प्राधिकरण से 49 एनओसी भी जारी हुई है, जिन्हें अब प्राधिकरण निरस्त करेगा। इतना ही नहीं प्रमुख सचिव नगरीय विकास और आवास नीरज मंडलोई ने भी पिछले दिनों एक आदेश जारी कर दी गई एनओसी को रद्द करने और उससे जुड़े लोगों पर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए थे। ये एनओसी सुयश एग्जीम प्रा.लि. के नाम पर जारी की गई और मौके पर शॉपिंग मॉल बन रहा है।
सैय्यदना साहब को सिर्फ केस की जानकारी ही दी – शब्बीर भाई
बुरहानी गृह निर्माण संस्था की जमीन से जुड़े मुद्दे को लेकर एक व्यक्ति का नाम चर्चा में रहता है, जो कि शब्बीर भाई देवासवाला है। जब अग्निबाण ने शब्बीर भाई से पूछा कि क्या किसी भाजपा के नेता ने इस जमीन के संबंध में कोई डील की बात की थी? तो शब्बीर भाई ने उससे इनकार करते हुए कहा कि मैं किसी बीजेपी या कांग्रेस के नेता को नहीं जानता। यह अवश्य है कि इंदौर आए सैयदना साहब को मैंने सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में केस हारने की जानकारी दी थी और उसके पहले मुंबई में भी जब गया था तब बताया था, लेकिन सैयदना साहब को मेरे द्वारा किसी डील के खेल की कोई जानकारी नहीं दी गई। मैं तो छोटा आदमी हूं और स्नेह नगर में मोटर वाइंडिंग की दुकान चलाता हूं।
उज्जैन के मास्टर प्लान में हुए करोड़ों के जमीनी घोटाले भी चर्चा में
विधानसभा चुनाव के चलते विभिन्न स्तर पर सर्वे तो भाजपा और संघ द्वारा करवाए ही जा रहे हैं, वहीं विवादित मुद्दों की भी पड़ताल की जा रही है। बुरहानी संस्था के अलावा उज्जैन के महाकाल लोक और अभी घोषित मास्टर प्लान में जो करोड़ों के घोटालों के आरोप लगे हैं उसकी भी जानकारी निकलवाई गई है। पिछले दिनों उज्जैन में ही पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा सहित अन्य कांग्रेस नेताओं ने पत्रकार वार्ता लेकर भाजपा के मंत्री मोहन यादव पर मास्टर प्लान से फायदा उठाने के आरोप लगाए। उज्जैन निगम के नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने भी अग्निबाण से चर्चा करते हुए कहा कि मास्टर प्लान में डेढ़ हजार करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले भाजपाइयों ने किए हैं। हालांकि इन तमाम आरोपों के बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंहब ने भी उज्जैन के मास्टर प्लान की पुनरीक्षण करने की घोषणा की है।
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