उज्जैन। नगर निगम द्वारा संचालित महाकाल लोक की पार्किंग के अंदर इन दिनों भारी पैमाने पर अवैध कमाई का खेल चल रहा है। इस तरह की शिकायत मिलने के बाद जब अग्रिबाण ने पड़ताल की तो यह बात सही साबित हुई। उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद हरिफाटक ब्रिज उतरते ही महाकाल लोक के सामने एक बड़ी पार्किंग बनाई गई थी। इस पार्किंग में प्रतिदिन हजारों दोपहिया और चार पहिया वाहन खड़े होते हैं। अधिकतर बाहर से आने वाले श्रद्धालु इस पार्किंग का उपयोग करते हैं। जब पार्किंग का निर्माण चल रहा था उस समय उज्जैन के तत्कालीन अधिकारियों द्वारा कहा जा रहा था कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यह पार्किंग मुफ्त सेवा के लिए रहेगी लेकिन पार्किंग बनने के बाद अभी वर्तमान में इस पार्किंग को संचालन करने का काम नगर निगम द्वारा किया जा रहा है और नगर निगम के कर्मचारी ही इस पार्किंग को चला रहे हैं लेकिन यहाँ प्रतिदिन लगने वाले वाहनों को रसीद के माध्यम से दिए जाने वाले रुपयों में हर दिन हजारों रुपए का घपला हो रहा है।
इस तरह की शिकायत जब अग्रिबाण के पास पहुँची तो वहाँ पर देखा गया कि श्रद्धालुओं को जो रसीद वाहन की दी जाती है उनमें कुछ रसीदें ऐसी होती हैं जिनके नंबरों पर काले पेन से नंबर मिटे होते हैं और एक बार चलाई जा रही पर्ची को कई बार इस्तेमाल कर हजारों रुपए की अवैध कमाई की जा रही है। नगर निगम द्वारा जारी रसीद कट्टों से रुपए जमा करने के बाद जाली पर्चियों से हुई कमाई को प्रतिदिन बाँटा जा रहा है। बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी इस तरह की हो रही धोखाधड़ी पर ज्यादा ध्यान नहीं रखते हैं और ना ही कोई शिकायत कर पाता है। इसी का फायदा उठाकर प्रतिदिन हजारों रुपए की हानि नगर निगम को पहुँचाई जा रही है। आवश्यकता है कि नगर निगम के उच्च अधिकारी महाकाल लोक पार्किंग में चल रही इस कालाबाजारी को तत्काल बंद कराएं। इस तरह की धोखाधड़ी नकली पर्ची के माध्यम से महाकाल लोक की पार्किंग चल रही है इस संबंध में जब अग्रिबाण ने आर एस मंडलोई अपर आयुक्त, नगर पालिका निगम उज्जैन से बात की तो उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायत आती है तो मान लीजिए एक की रसीद को दो-दो बार चलाई जा रही है। पहली बात तो यह अपराध तो है ही कार्रवाई होनी चाहिए। कैसे हो रहा है यह जाँच का विषय है। मैं सेन साहब सहायक आयुक्त उनसे जाँच करवा लूंगा। किसी ने किया है तो कार्रवाई की जाएगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved