बिना निराकरण के शिकायतें बंद करने के कई प्रकरण अफसरों के पास पहुंंचे
इन्दौर। नगर निगम (municipal corporation) के ऐप 311 (App 311) पर आने वाली शिकायतों का निराकरण बाले बाले किए जाने की शिकायतें (complaints) अब बढऩे लगी हैं। गंदगी, ड्रेनेज चोक से लेकर सफाई व्यवस्था और कब्जों को लेकर आने वाली कई शिकायतों का निराकरण निगमकर्मियों (corporation employees) और आपरेटर (operators) की मिलीभगत से कर दिया जाता है। बाद में शिकायतकर्ता को यह बात पता चलती है कि उसकी शिकायत का निराकरण हो गया है। ऐसे कई मामले अफसरों के पास आए हैं।
नगर निगम अधिकारियों और कर्मचारियो को पूर्व ें भी निगमायुक्त शिवम वर्मा ने फटकार लगाई थी कि ऐप की शिकायतों के मामलों में लापरवाही नहीं करें और उन शिकायतों का निराकरण निर्धारित समयावधि में किया जाए। सू्त्रों के मुताबिक पान-गुटखा थूकने और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की सप्रमाणित शिकायत 311 ऐप पर की गई थी। बाद में आपरेटर और निगमकर्मियों ने शिकायत का मूल स्वरूप ही बदलकर उसे रोड की सफाई करवाना संबंधित कर दिया और 8 दिन बाद उस शिकायत को बंद कर दिया गया। यह शिकायत 22 दिसम्बर 2024 को की गई थी। इसी प्रकार वार्ड 81 की प्रिकांको कालोनी में एक हास्पिटल के कर्मचारियों द्वारा सडक़ों पर गुटका-पान थूका जाता था, जिसके लिए निगम की टीम द्वारा सफाई के लिए वहां पानी बहाया जाता था, जिससे कालोनी की मेनरोड पर पानी भर जाता था। इस मामले की शिकायत का भी बाले-बाले निराकरण कर दिया गया और उसे फोर क्लोज कर दिया गया। अब अधिकारियों ने ऐसी शिकायतों के मामले में विभाग के बड़े अफसरों को मामले की छानबीन करने को कहा है।
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