भोपाल। मप्र आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी (MP University of Medical Sciences) के चलते एमपी के 5 हजार नर्सिंग छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है। जून में परीक्षा होने के बावजूद अभी तक विवि कॉपियों (Copys) का मूल्यांकन नहीं कर पाया। पांच हजार के लगभग छात्रों की 10 हजार कॉपियों का मूल्यांकन की जिम्मेदारी विवि प्रशासन की है, लेकिन वह टर्मिनेट हो चुकी ठेका कंपनी माइंडलॉजिक्स इंफ्रा टेक कंपनी (Mindlogics Infra Tech Company) का विकल्प ही नहीं ढूंढ पाई है।
मेडिकल यूनिवर्सिटी (Medical University) के प्रशासनिक कुलपति का दायित्व संभाल रहे बी. चंद्रशेखर (B. Chandrashekhar) और कुलसचिव के इस मामले में अलग-अलग तर्क हैरान करने वाले हैं। कुलपति को पता ही नहीं है कि ऐसा कोई रिजल्ट (Result) रुका हुआ है। जबकि कुलसचिव का दावा है कि वह कई पत्र कुलपति को लिख चुके हैं। परीक्षा की कॉपियां कहां हैं, ये भी पता नहीं है। हमने कॉपियां हैं डओवर के लिए आग्रह किया है।
जून 2021 में हुई थी परीक्षा
जून 2021 में नर्सिंग फाइनल ईयर की परीक्षा आयोजित हुई थी। प्रदेश भर के लगभग 5 हजार छात्र इस परीक्षा में शामिल हुए थे। उनकी लगभग 10 हजार कॉपियों का मूल्यांकन होना था। पर इसी बीच परीक्षा परिणामों को मेडिकल विवि के अधिकारियों से मिलीभगत कर बदले के गंभीर आरोपों के चलते ठेका कंपनी टर्मिनेट कर दी गई। यहीं से छात्रों की मुश्किल भी शुरू हो गई। आलम ये है कि पढ़ाई पूरी और परीक्षा देने के बावजूद ये छात्र रिजल्ट जारी न होने की दशा में किसी भर्ती में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। कुलसचिव डॉक्टर प्रभात बुधौलिया के मुताबिक परिणाम घोषित नहीं होने का कारण माइंडलॉजिक्स इन्फ्रा टेक है। इसी के समय में परीक्षाएं हुई थी, लेकिन टर्मिनेट होने के बाद कंपनी ने कॉपियों की जांच नहीं कराई। कॉपियां भी उसी के पास जमा हुई थी। इसकी वजह से नर्सिंग फाइनल ईयर का परिणाम घोषित नहीं हो पा रहा है।
10 अक्टूबर तक परिणाम घोषित करने की मांग
नर्सिंग छात्रों ने 10 अक्टूबर तक परिणाम जारी करने की मांग कुलसचिव से बीते दिनों मुलाकात कर की है। छात्रों ने ऐसा नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। हालांकि कुलसचिव का कहना है कि 10 अक्टूबर तक परिणाम घोषित करने की कोई व्यवस्था ही नहीं है। विवि के पास स्टाफ ही नहीं है और प्राइवेट कंपनी ने कापियां चैक करने से मना कर दिया। फिलहाल वे प्रयास में हैं कि जल्द से जल्द इस समस्या का हल निकल सके।
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