नई दिल्ली । केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister Anurag Thakur) ने कहा कि चुनाव की हार की बौखलाहट (The Frustration of Election Defeat) विपक्ष के चेहरे पर (On the Opposition’s Face) नजर आती है (Is Visible) । टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा उपराष्ट्रपति की मिमिक्री करने को उपराष्ट्रपति के संवैधानिक पद का अपमान बताते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि ममता बनर्जी ने उपराष्ट्रपति के अपमान को कैजुअल लेने को कहा है, क्या चुनावी हार के कारण विपक्ष मानसिक संतुलन खो चुका है?
संसद भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि चुनाव की हार की बौखलाहट विपक्ष के चेहरे पर नजर आती है। राष्ट्रपति के बाद देश में उपराष्ट्रपति का पद आता है। जिस तरह से उपराष्ट्रपति का अपमान किया गया है और जिस तरह से राहुल गांधी ने वीडियो बनाकर उसका प्रचार-प्रसार किया है, यह न केवल उपराष्ट्रपति का अपमान है, बल्कि, इन्होंने देश के एक बड़े समुदाय का अपमान किया है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि कांग्रेस और विपक्ष ने पहले अनुसूचित जनजाति से आने वाली राष्ट्रपति का अपमान किया, अब उपराष्ट्रपति का अपमान किया और सबसे बड़ी बात यह है कि न तो सोनिया गांधी ने, न ही राहुल गांधी, न ही खड़गे ने और न ही ममता बनर्जी ने इसकी निंदा की और न ही इस पर माफी मांगी। ठाकुर ने आगे कहा कि विपक्ष संविधान और लोकतंत्र की हत्या करना चाहता है और उपराष्ट्रपति के अपमान से देश के जाट समुदाय में रोष है। वहीं, एनडीए के सांसदों ने राज्य सभा में खड़े होकर उपराष्ट्रपति के सम्मान में विपक्ष को संदेश दे दिया है।
अनुराग ठाकुर ने टीएमसी मुखिया के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि दुर्भाग्य की बात यह है कि जब ममता बनर्जी से यह सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसको कैजुअल लेना चाहिए, उपराष्ट्रपति के अपमान को कैजुअल लेना चाहिए। दूसरी बात उन्होंने कही की अगर राहुल गांधी वीडियो नहीं बनाते तो यह देश के सामने कैसे आता। जो देश के प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं, वे राहुल गांधी स्वयं इस कृत्य का वीडियो बना रहे थे। ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि क्या चुनावी हार के कारण विपक्ष मानसिक संतुलन खो चुका है ?
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