डेस्क: आपने लोगों को जानवरों के अधिकारों का प्रोटेक्शन करने के लिए सड़कों पर उतरते हुए देखा होगा. कोई मांसाहार के खिलाफ खड़ा होता है तो कोई उन्हें कैद करने को गलत ठहराता है. ये तो बात रही कुछ एनिमल राइट के लिए लड़ने वाले ग्रुप्स की, शायद ही आपने किसी सरकार को देखा होगा कि वो जानवरों के चीखने-चिल्लाने के मुद्दे को भी संसद तक ले जाए. चलिए आपको आज हम एक ऐसे ही किस्से के बारे में बताते हैं.
इस वक्त यूरोपियन देश फ्रांस की सरकार चर्चा में है. आपने तमाम अजीबोगरीब कानूनों के बारे में देखा होगा लेकिन फ्रांस में जो नया कानून चर्चा में है, वो मुर्गों को चिल्लाने का अधिकार दे रहा है. फ्रांस की सरकार इतनी मजबूती से मुर्गे के साथ खड़ी है कि कोई उसकी शिकायत भी नहीं कर सकता. अगर किसी ने इसकी शिकायत करने की कोशिश की तो इसे बेकार ही समझिए.
फ्रांस में अक्सर लोग शहर की भीड़-भाड़ से बचने के लिए गांवों में अपने वेकेशन हाउस बनाकर रहते हैं या फिर कई बार तो वे यहां शांति लेने के लिए बस ही जाते हैं. अब गांव है, तो किसान भी होंगे और उनके जानवर भी. दिक्कत ये हो रही थी कि मुर्गों की सवेरे-सवेरे की बांग और कुत्तों के भौंकने से ये शहरी लोग इतने परेशान हो जाते थे कि पुलिस तक मामला पहुंच जाता था. फ्रेंच अदालतों में ऐसे सैकड़ों केस पड़े हैं, जिसमें मुर्गे के बांग पर रोक लगाने की मांग की गई है. हालांकि सरकार ऐसा नहीं चाहती है, उन्होंने तो कानून भी पास कर दिया है मुर्गा गला फाड़कर चिल्लाएगा, कोई उसका कुछ नहीं कर सकता.
फ्रांस के प्रेसिडेंट इमैनुएल मैक्रॉन ने कानून का समर्थन किया और ये सीनेट तक पहुंच गया. कानून मंत्री ने एक्स (पहले ट्विटर) पर जानकारी देते हुए लिखा है- ‘ये कानून किसानों के खिलाफ आने वाले कानूनी केसेज़ को खत्म करेगा, वे सिर्फ अपना काम करते हैं ताकि हम खाना खा सकें. ये कॉमन सेंस की बात है.’ इस कानून के बाद पड़ोसी जानवरों की आवाज़, कृषि उपकरणों की आवाज़, गंदगी और बदबू जैसी चीज़ों पर शिकायत करना आसान नहीं होगा.
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