नई दिल्ली। अमेरिकी प्रौद्योगिकी उद्यमी और एंटीवायरस के गुरु कहे जाने वाले जॉन मैकेफी (John McAfee) ने बुधवार को अपनी प्रिजन सेल ( जेल की कोठरी) में फांसी लगा ली. उनके वकील जेवियर विलालबास ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि जॉन मैकेफी को स्पेन की अदालत ने संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी. जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया. हालांकि उनके पास उनपर लगे आऱोपों के खिलाफ अपील करने का विकल्प था लेकिन वह जेल में ज्यादा दिन रह नहीं पाए. जेल प्रशासन उनकी मौत के कारणों का पता लगा रहा है.
मैकेफी 1987 में दुनिया का पहला कमर्शियल एंटीवायरस (commercial antivirus) लॉन्च करने से पहले नासा, जिरॉक्स, लॉकहीड मार्टिन जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. उन्होंने अपनी सॉफ्टवेयर कंपनी इंटेल को साल 2011 में बेच दी थी और अब वह इस व्यापार से जुड़े हुए नहीं थे. हालांकि सॉफ्टवेयर के साथ अब भी उनका नाम जुड़ा हुआ है और दुनियाभर में इसके 500 मिलियन यूजर्स हैं.
अपने विलक्षण व्यवहार और वीडियो के लिए जाने जाने वाले, 75 वर्षीय मैकेफी एंटी-वायरस सॉफ़्टवेयर के क्षेत्र में माने जाने शख्स थे. उनपर टेनेसी में टैक्स चोरी के आरोप थे. न्यूयॉर्क में उनपर एक क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) धोखाधड़ी के मामले में भी आरोप लगाए गए थे. जॉन मैकेफी को बार्सिलोना एयरपोर्ट से अक्तूबर 2020 को गिरफ्तार किया गया था. जॉन मैकेफी की गिरफ्तारी (arrest) उस समय हुई जब वे ब्रिटिश पासपोर्ट के साथ बार्सिलोना एयरपोर्ट (Airport) से इस्तांबुल जाने के लिए फ्लाइट ले रहे थे.
उन्होंने 15 अक्टूबर 2020 को एक ट्वीट भी किया था. उन्होंने लिखा था, मैं यहां कैद हूं. यहां मेरे दोस्त हैं. खाना अच्छा है. सब ठीक है, अगर मैं फांसी लगा लेता हूं तो यह मेरी गलती नहीं होगी.
मैकेफी पर 2014 और 2018 के बीच जानबूझकर टैक्स रिटर्न दाखिल न करने का आरोप था. उन्होंने क्रिप्टो करेंसी से लाखों की कमाई की और अपने जीवन की कहानी के अधिकार बेचे इसके बावजूद उन्होंने टैक्स नहीं भरा.
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