इंदौर। कल भाजपा कार्यालय पर एक बड़ा हादसा होते-होते हुए बच गया। झंडावदन के पहले ऐसा झंडा बांधा गया कि उसकी रस्सी खींचते ही उसमें गठान बंध गई और झंडा खुल नहीं पाया। बाद में पूर्व अध्यक्ष गोपी नेमा सीढ़ी से गठान खोलने चढ़े तो उनका संतुलन बिगड़ गया और वे औंधे मुंह गिरते-गिरते बचे। वहां खड़े भाजपाइयों ने उन्हें जमीन पर गिरने से बचा लिया।
भाजपा कार्यालय दीनदयाल भवन पर कल झंडावंदन कार्यक्रम रखा गया था। इस दौरान नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, आईडी अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा, पूर्व विधायक गोपीकृष्ण नेमा, सुदर्शन गुप्ता, प्रदेश सहमीडिया प्रभारी टीनू जैन, प्रदेश प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा, महामंत्री सविता अखंड तथा युवा मोर्चा अध्यक्ष सौगात मिश्रा सहित बड़ी संख्या में भाजपाई मौजूद थे। जब रणदिवे द्वारा झंडावंदन किया जाने लगा तो वह खुल नहीं पाया। एक-दो बार रस्सी को खींचने की कोशिश की गई तो उसमें गठान बंध गई। वहां खड़े भाजपा नेताओं ने भी उसे खींचने की कोशिश की, लेकिन गठान नहीं खुल पाई तो पूर्व विधायक नेमा ने कहा कि उसे सीढ़ी लगाकर ही खोलना पड़ेगा।
उन्होंने पास से ही सीढ़ी मंगाई और गठान खोलने के लिए चढ़े। गठान तो खुल गई, लेकिन सीढ़ी के अंतिम सिरे पर पहुंचने के बाद नेमा असंतुलित हो गए और नीचे गिरने लगे तो वहां खड़े भाजपाइयों ने उन्हें झेल लिया। अचानक हुए इस घटनाक्रम से वहां खड़े भाजपाई सकते में आ गए। हालांकि नेमा जमीन पर गिरने से बच गए। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अगर वे औंधे मुंह गिरते तो सिर पर चोंट लग सकती थी। बाद में नेमा भी थोड़ी देर के लिए सहम गए। झंडावंदन के बाद भी भाजपाई इस घटना को लेकर चर्चा करते रहे। बताया जा रहा है कि झंडा किसी नए व्यक्ति ने बांधा था और उसमें गठान लगा दी गई, इस कारण वह खुल नहीं पाया।
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