उज्जैन। बाबा महाकाल की सावन मास की आज प्रथम सवारी है। आज शहर में भीड़ का दबाव रहेगा। सुबह के शुरुआती घंटों में ही करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन कर लिए हैं और अब यह सब श्रद्धालु सवारी देखेंगे, इसलिए सवारी में भीड़ प्रबंधन प्रशासन के लिए चुनौती बनेगा। सुबह भस्म आरती के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन खोले गए। सुबह 5 बजे से लेकर 9 बजे तक 4 घंटों में करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन कर लिए हैं और यह सिलसिला दिनभर चलेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि दोपहर तक यह आंकड़ा 4-5 लाख तक भी जा सकता है। यह सभी श्रद्धालु महाकाल दर्शन करने के बाद शाम तक उज्जैन में ही रुकेंगे और बाबा महाकाल की सवारी के दर्शन भी करेंगे। ऐसे में भीड़ का दबाव शहर की सड़कों पर रहेगा।
इधर एसपी, कलेक्टर और एडीएम तथा निगम आयुक्त सभी अधिकारी नए हैं और उनके लिए सवारी निकालना पहला अनुभव होगा। इसलिए अधिकारी पिछले कई दिनों से सवारी को लेकर बैठकें भी कर रहे हैं और भीड़ प्रबंधन कैसे किया जाए इस पर भी मंथन कर रहे हैं। इतना ही नहीं कल इन नए अधिकारियों ने सवारी की मॉकड्रिल भी की थी और कहाँ-कहाँ भीड़ का दबाव रहता है यह भी प्रैक्टिकल रूप में देखा। अब आज बाबा महाकाल की प्रथम सवारी के दिन क्राउड मैनेजमेंट प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनेगा। अब एसपी-कलेक्टर ने जो पिछले कई दिनों से तैयारी की थी उसकी परीक्षा आज हो रही है। प्रथम सवारी में व्यवस्था कैसी रहती है इसको देखकर ही आने वाली सवारी को व्यवस्था होंगी, इसलिए आज पुलिस फोर्स एवं प्रशासन के अधिकारी जो सवारी मार्ग के चप्पे-चप्पे पर तैनात हो रहे हैं वह व्यवस्था किस प्रकार बनाते हैं यह देखने वाली बात होगी। वैसे प्रशासन द्वारा महाकाल मंदिर के आसपास व्यवस्था बनाने की बात की गई थी लेकिन निर्माण कार्यों का कीचड़ भी अभी तक साफ नहीं हुआ है, ऐसे में फिसल-फिसल कर श्रद्धालुओं को दर्शन करने जाना पड़ रहा है और आज भीड़ बढ़ेगी तो क्या स्थिति होगी।
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