नई दिल्ली: साल में 4 बार नवरात्रि पड़ती हैं. इनमें से 2 गुप्त नवरात्रि होती हैं और 2 प्रत्यक्ष नवरात्रि होती हैं. साल 2022 की पहली नवरात्रि 2 फरवरी से शुरू होने जा रही हैं. इन नवरात्रि में भी मां दुर्गा के 9 रूपों की आराधना की जाती है. इसके अलावा 10 महाविद्या देवियां तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुनेश्वरी, छिन्नमस्ता, काली, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी की भी गुप्त तरीके से पूजा-उपासना की जाती है.
बन रहे हैं 2 बेहद शुभ योग
यह गुप्त नवरात्रि बेहद खास हैं क्योंकि इनमें रवियोग और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं. इन योग में मां की पूजा-उपासना से मिलने वाला फल कई गुना बढ़ जाता है. इन गुप्त नवरात्रि में गुप्त तरीके से पूजा की जाती है.
तंत्र-मंत्र और सिद्धि के लिए यह नवरात्रि बेहद खास हैं. इन गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक, साधक या अघोरी तंत्र-मंत्र और सिद्धि प्राप्त करने के लिए मां दुर्गा की साधना करते हैं. इन नवरात्रि में की गई मां की आराधना सारे दुख दूर कर देती है.
इन बातों का रखें ध्यान
इन गुप्त नवरात्रि में घट स्थापना की जाती है. साथ ही मां को लौंग और बताशे का भोग लगाया जाता है. श्रृंगार अर्पित किया जाता है. इस बार घटस्थापना करने का शुभ मुहूर्त 2 फरवरी 2022, बुधवार को सुबह 07:10 से 08:02 बजे तक है. कोशिश करें कि इन 9 दिनों के दौरान किसी को बिना बताए गुप्त रूप से 9 दिन तक सुबह-शाम मां की पूजा करें. इससे मां हर दुख दूर कर देती हैं और मनोकामना भी पूरी करती हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved