नई दिल्ली।टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) शुरू होने में कुछ ही दिन शेष हैं. खेलों के इस महाकुंभ का उद्घाटन 23 जुलाई को होना है. भारत 119 खिलाड़ियों सहित टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics)के लिए 228 सदस्यीय दल भेजेगा. यह ओलंपिक में भारत (India) का अब तक का सबसे बड़ा खिलाड़ियों का दल होगा. रियो ओलंपिक (Rio Olympics) में 118 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था. टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में दर्शकों को जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण वहा आपातकाल की घोषणा की गई है.
पहले आधुनिक ओलंपिक खेल यूनान की राजधानी एथेंस (Athens) में 1896 में आयोजित किए गए थे. यूनानी लोगों के जबर्दस्त उत्साह के कारण पहले आधुनिक ओलंपिक खेलों को काफी सफल आयोजन माना गया. आइए इस ओलंपिक के रोचक पहलुओं पर नजर डालते हैं –
रोमन सम्राट थियोडोसियस द्वारा 1500 साल पहले प्रतिबंधित किए जाने के बाद एथेंस में प्राचीन यूनान की खोई हुई परंपरा ओलंपिक खेलों को दोबारा जीवित किया गया. अतीत की प्रतियोगिताओं की तरह 1896 एथेंस खेलों में भी सिर्फ पुरुष प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. यह आधुनिक ओलंपिक में एकमात्र खेल थे, जिसका हिस्सा महिला प्रतिभागी नहीं थी.
6 से 15 अप्रैल तक हुए इन खेलों में 14 देशों के 241 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया. यूनान के जिम्नास्ट दिमित्रोस लोंड्रास (Dimitrios Loundras) दस्तावेजों के अनुसार सबसे युवा ओलंपियन बने. उन्होंने 10 साल और 218 दिन की उम्र में टीम समानांतर बार स्पर्धा (Parallel bars event) में हिस्सा लिया और तीसरे स्थान पर रहे.
खिलाड़ियों ने एथलेटिक्स (ट्रैक एवं फील्ड), साइक्लिंग, तैराकी, जिम्नास्टिक, भारोत्तोलन, कुश्ती, तलवारबाजी, निशानेबाज और टेनिस की 43 स्पर्धाओं में हिस्सा लिया. पहली बार विजेताओं को पदक सौंपे गए. हालांकि इनमें से कोई स्वर्ण पदक नहीं था. पहले स्थान पर आने वाले खिलाड़ियों को रजत पदक, जैतून की शाखा और डिप्लोमा दिया गया. दूसरे स्थान पर आने वाले खिलाड़ियों को कांसे/तांबे का पदक, कल्पवृक्ष की शाखा और डिप्लोमा दिया गया. जबकि तीसरे नंबर पर आने वाले खिलाड़ियों को खाली हाथ लौटना पड़ता था.
खेलों के दौरान पहली बार संगठित मैराथन का आयोजन किया गया, लेकिन लगभग आधे प्रतिभागी थकान के कारण स्पर्धा के बीच से हट गए. यूनान के स्पाईरिडन लुई ने यह स्पर्धा जीती. तैराकी स्पर्धाएं जिया खाड़ी में हुईं. प्रतिभागियों को लकड़ी के लट्ठों से बनी नांव से ले जाया गया और फिर वे वहां से तट की ओर गए. इस दौरान रास्ता बताने के लिए बीच में से खाली किए गए सीताफल रस्सी से बांधे गए थे जो पानी में तैर रहे थे. अमेरिका के ट्रैक एवं फील्ड एथलीट जेम्स कोनोली छह अप्रैल 1896 को त्रिकूद स्पर्धा (Triple jump) जीतकर 1500 साल से भी अधिक समय में पहले ओलंपिक चैम्पियन बने.
जर्मनी के कार्ल शुमान आधुनिक युग के पहले ओलंपिक के सबसे सफल खिलाड़ी रहे. उन्होंने जिम्नास्टिक और कुश्ती की चार स्पर्धाओं में शीर्ष स्थान हासिल किया. उन्होंने भारोत्तोलन में भी हिस्सा लिया. पेनाथेनिक स्टेडियम में हुए कुश्ती प्रतियोगिता के लिए कोई वजन वर्ग तय नहीं था. इसका मतलब यह था सभी प्रतिभागियों के बीच सिर्फ एक विजेता था. आधुनिक ग्रीको रोमन कुश्ती के नियम इसमें लागू थे, लेकिन समय की कोई सीमा नहीं थी.
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