उज्जैन। चैत्र मास के पहले बुधवार से भगवान श्री चिंतामण गणेश की चैत्र मास की जत्राओं का क्रम शुरु हो गया है। कल तड़के 4 बजे से ही चिंतामण गणेश मंदिर के पट खुल गए थे और गणेशजी का मनोहारी श्रृंगार किया गया। सुबह से देर रात श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुँचे। कल धुलेंडी पर्व होने के कारण दोपहर में थोड़ी भीड़ कम रही। मंदिर के पुजारी ईश्वर गुरु ने बताया कि चैत्र मास में इस बार भगवान चिंतामण की पांच जत्राएं होंगी। दूसरी जत्रा 15 मार्च को, तीसरी जत्रा 22 मार्च को, चौथी जत्रा 29 मार्च को शाही जत्रा 5 अप्रैल को आयोजित होगी। उन्होंने बताया कि चैत्र मास की जत्रा का विशेष महत्व रहता है। चैत्र मास में गेहँू की फसल पककर तैयार हो जाती है। किसान अपनी उपज बाजार में बेचने से पहले उसका पहला भाग भगवान चिंतामण को अर्पित करते हैं। इसे धड़ा कहा जाता है। आज भी बड़ी संख्या में किसान यहाँ अपने गेहँू और चने की उपज का पहला हिस्सा भगवान को चढ़ाने पहुँचे हैं।
इसी के साथ मंदिर परिसर स्थित लक्ष्मण बावड़ी के समीप चिंताहरण मंदिर में भी भगवान गणेशजी का विशेष श्रृंगार किया गया है। उन्होंने बताया कि सुबह से दर्शनों का सिलसिला शुरु हो गया है और श्रद्धालुओं को गर्भगृह के बाहर से ही भगवान के दर्शन कराए गए। श्रद्धालुओं को गर्मी से बचाने के लिए परिसर में शेड के नीचे मेट बिछाई गई थी। जत्रा के पहले दिन आज भगवान चिंतामण गणेश को छप्पन भोग लगाए गए। कल चिंतामण गणेश मंदिर में किसानों के अलावा बड़ी संख्या में आम श्रद्धालु भी दर्शन के लिए पहुँचे। बुधवार से जत्रा के साथ महोत्सव पूरे महीने चलेगा। चेत्र महोत्सव की शुरुआत में आकार कला संस्थान के कलाकारों ने भजन गायन और नृत्य की प्रस्तुति दी। इसमें सुधा गुप्ता, पूजा चौहान, रोहित परिहार, शक्ति नागर, विवेक धवन, सक्षम देवले ने प्रस्तुति दी वहीं नृत्य की प्रस्तुति राजेश लड्ढा, नताशा वर्मा, नेहा शर्मा, तृप्ति वर्मा ने दी। प्रबंधक श्री शर्मा ने बताया हर बुधवार को अलग-अलग कलाकारों को यहाँ प्रस्तुति देने के लिए बुलाया गया है।
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