नई दिल्ली। अब तैयार हो जाइए धरती के बाहर बनने वाले पहले होटेल के लिए। अब से चार साल बाद 2025 में इस होटेल पर काम शुरू होने वाला है। यहां रेस्तरां (Restaurant) होंगे, सिनेमा (Cinema), स्पा (Spa) और 400 लोगों के लिए कमरे (Rooms) भी होंगे। ऑर्बिटल असेंबली कॉर्पोरेशन (Orbital Assembly Corporation) का वोयेजर स्टेशन (Voyager Station) 2027 तक तैयार हो सकता है। यह स्पेस स्टेशन (Space Station) एक बड़ा सा गोला होगा और आर्टिफिशल ग्रैविटी पैदा करने के लिए घूमता रहेगा। यह ग्रैविटी चांद के गुरुत्वाकर्षण के बराबर होगी।
कैसे आया यह आइडिया?
वोयेजर स्टेशन (Voyager Station) के होटेल में कई ऐसे फीचर होंगे जो क्रूज शिप की याद दिला देंगे। रिंग के बाहरी ओर कई पॉड अटैच किए जाएंगे और इनमें से कुछ पॉड NASA या ESA को स्पेस रिसर्च के लिए बेचे भी जा सकते हैं। OAC के मुताबिक SpaceX के Falcon 9 और स्टारशिप जैसे लॉन्च वीइकल्स की मदद से इसे बनाना थोड़ा कम महंगा पड़ सकता है। कक्षा में चक्कर लगाते स्पेस स्टेशन का कॉन्सेप्ट 1950 के दशक में नासा के अपोलो प्रोग्राम से जुड़े वर्नर वॉन ब्रॉन का था। वोयेजर स्टेशन उससे कहीं ज्यादा बड़े स्तर का है। गेटवे फाउंडेशन के लॉन्च के साथ यह पहली बार 2012 में लोगों के सामने आया।
कैसे होगा मुमकिन?
अगर वोयेजर स्टेशन सच होता है तो यह स्पेस में इंसानों का भेजा सबसे बड़ा ऑब्जेक्ट होगा। लंबे वक्त से स्पेस में मटीरियल भेजने की कीमत 8000 डॉलर प्रति किलो रही है लेकिन दोबारा इस्तेमाल के काबिल Falcon 9 के बाद से यह 2000 डॉलर प्रति किलो तक आ गया। माना जा रहा है कि SpaceX के स्टारशिप के साथ यह और कम हो सकती है। इनकी मदद से धरती और वोयेजर स्टेशन के बीच लगातार और तेज कनेक्शन मुमकिन हो सकेगा। इसे बनाने वाली टीम में NASA के अनुभवी सदस्य, पायलट, इंजिनियर और आर्किटेक्ट रह चुके हैं जो कई पॉड वाले सिस्टम को तैयार कर रहे हैं।
90 मिनट में एक चक्कर
यह स्टेशन हर 90 मिनट पर धरती का चक्कर पूरा करेगा। पहले इसका एक प्रोटोटाइप स्टेशन टेस्ट किया जाएगा। इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन की तरह फ्री-फ्लाइंग माइक्रोग्रैविटी फसिलटी को टेस्ट किया जाना है। जिन लोगों को यहां लंबे वक्त के लिए रहना होगा, उनके लिए ग्रैविटी चाहिए होगी। इसलिए रोटेशन बेहद अहम है। रोटेशन को ज्यादा या कम करके ग्रैविटी को भी कम या ज्यादा किया जा सकेगा। जब टेस्ट पूरा हो जाएगा तो STAR (स्ट्रक्चर ट्रूस असेंबली रोबॉट) इसका फ्रेम तैयार करेगा। इसे बनाने में दो साल का वक्त लग सकता है और स्पेस में तैयार करने में तीन दिन।
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