इन्दौर। इन्दौर में लगाए जाने वाले 51 लाख पौधों के लिए कई विभाग जोरदार तैयारियों में जुटे हुए हैं, वहीं सामाजिक संगठनों की मदद से भी बड़े पैमाने पर इस अभियान को सफल बनाने की तैयारी चल रही है। आसपास के शहरों में पौधे नहीं मिलने के चलते चेन्नई, राजमुंदरी और कई अन्य शहरों से बड़े पैमाने पर पौधे बुलवाए गए हैं, जो कल इन्दौर लाए जाएंगे। करीब पौने दो लाख पौधे 15 ट्रकों में लाने के बाद उनकी समुचित देखभाल भी की जाएगी।
न विभाग, नगर निगम, जिला प्रशासन के साथ-साथ कई अन्य विभागों की टीमें विभिन्न खाली पड़े स्थानों, पहाडिय़ों और नदी के आसपास के इलाकों को चिन्हित करने में जुटी है, ताकि वहां बड़े पैमाने पर पौधारोपण हो सके। इन्दौर में संभवत: 7 जुलाई से इस अभियान की शुरुआत होगी। नगर निगम भी बड़े पैमाने पर विभिन्न नर्सरियों में पौधे तैयार करा रहा है और कुछ पौधे खरीदने की भी तैयारी चल रही है। दूसरी ओर दक्षिण भारत के कई शहरों से बड़े पैमाने पर विभिन्न प्रजातियों के पौधे बुलवाए गए हैं। उद्यान और जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर के मुताबिक चेन्नई से 15 ट्रकों में करीब पौने दो लाख पौधे मंगवाए गए हैं, जो कल शाम तक इन्दौर लाए जाएंगे। इन्हें विभिन्न नर्सरियों और सुरक्षित स्थानों पर रखवाया जाएगा, ताकि वे जीवित अवस्था में रहे। उनकी देखभाल के लिए उद्यान विभाग केकई कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। आसपास के कई शहरों में पौधों की कमी के चलते अन्य नामचीन शहरों से पौधे बुलवाए जा रहे हैं।
57 प्रकार की प्रजातियों के पौधे बुलवाए गए
राठौर के मुताबिक करीब 57 प्रकार की प्रजातियों के पौधे विभिन्न सामाजिक संगठनों की मदद से बुलवाए गए हैं। इनमें अमलतास, पलाश, जकरंडा, तेबुबिया, कचनार, चक्रेसिया, काला पीपल, बरगद, नीम, अर्जुन, काऊ, गुलमोहर, मोलश्री, केसुरिना, कटल, जामुन, बादाम, अशोक सहित कई प्रजातियों के पौधे शामिल हैं। कल पहली खेप आने के बाद लगातार कई शहरों से ट्रकों में पौधे लाए जाने का सिलसिला जारी रहेगा।
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