भोपाल: मध्य प्रदेश की सियासत में पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी (Kailash Joshi) का नाम अदब के साथ लिया जाता रहा है. लेकिन कुंभकर्णी नींद के कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद की कुर्सी तक छोड़नी पड़ी थी. पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी 20-20 घंटे तक सोते थे. इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका तक लगा दी गई थी. जोशी 1977 से 1978 के बीच 208 दिन के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे.
शिवराज सरकार के पूर्व मंत्री दीपक जोशी के कांग्रेस में शामिल होने के बाद जितनी चर्चा दीपक जोशी की हो रही है, उससे ज्यादा लोग पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी को याद कर रहे हैं. ‘राजनीति के संत; की उपाधि वाले पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी को बीजेपी का पितृ पुरुष भी कहा जाता है. कुशाभाऊ ठाकरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कैलाश जोशी ने मध्य प्रदेश के विकास के लिए कई बड़े निर्णय लिए थे. लेकिन जब उन्हें नींद की बीमारी ने घेर लिया तो वे काफी परेशान हो गए.
कैलाश जोशी के बारे में यह भी कहा जाता है कि वे 20-20 घंटे की नींद निकालते थे. इसी के चलते समाचार पत्रों में छपी खबरों के आधार पर हाईकर्ट में याचिका लगाई गई. इसमें कहा गया कि कैलाश जोशी मुख्यमंत्री के लिए अनफिट हैं. बाद में इसी बीमारी के चलते उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ा.
एक समय था जब पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी रात में 10:00 बजे विश्राम करने चले जाते थे और सुबह 4:00 बजे उठकर ब्रह्म मुहूर्त में पूजा पाठ करते थे. इसके बाद में 18 घंटे तक जनता के लिए सेवा में लग जाते थे. जब उन्हें नींद की बीमारी ने घेरा तो इसके ठीक विपरीत परिस्थितियां बदल गईं. पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी 6 घंटे काम करते थे और 18 घंटे की नींद लेते थे.
एक बार एक ऐसा वाकया हुआ, जिसे सुनकर राजनीति के दिग्गज भी चौंक गए.कैलाश जोशी जब मुख्यमंत्री थे, तब उन्हें आवश्यक कार्य से भोपाल से दिल्ली जाना था. पार्टी के महत्वपूर्ण कार्य से दिल्ली जाने के लिए निकले पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी की रास्ते में नींद लग गई. इसके बाद उनकी फ्लाइट निकल गई और वे फिर मुख्यमंत्री निवास पर आकर सोने चले गए. इस घटना के बाद यह भी अफवाह खेलती रही कि पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी पर किसी ने जादू टोना कर दिया है.
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