इंदौर, विकाससिंह राठौर। बीआरटीएस में कल शाम सत्यसाईं चौराहे पर आई-बस में आग लग गई। घटना के वक्त बस में 25 से ज्यादा यात्री सवार थे। समय रहते सभी को बस से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। इस घटना में बसों के आधुनिक सिस्टम के दावों की पोल भी खोल दी है। एक करोड़ से ज्यादा कीमत की इन बसों को लेते वक्त कहा गया था कि इनमें ऑटोमैटिक फायर अलार्म सिस्टम और फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम लगा है, जो आग लगने की स्थिति में लोगों को आगाह करने के साथ ही अपने आप आग को बुझाने का काम करेगा, लेकिन कल हुई घटना में ऐसा कोई सिस्टम काम करता नजर नहीं आया। घटना के बाद अधिकारियों ने बस निर्माता कंपनी और मेंटनेंस कंपनी को नोटिस जारी करते हुए घटना को लेकर जवाब मांगा है।
कल शाम 4.45 बजे आई-बस (एमपी-09-पीए-0204) विजयनगर से सत्यसाईं स्थित आई-बस स्टाप पर पहुंची। यहां सवारियों को उतारने और बैठाने के बाद आई-बस बस स्टॉप से कुछ ही फीट आगे बढ़ी थी कि बस ड्राइवर ताराचंद शर्मा को धुएं की बदबू महसूस हुई। इस पर उन्होंने बस को तुरंत रोकते हुए सारे गेट खोल दिए और यात्रियों को बाहर निकलने को कहा। कुछ ही देर में इंजन से पास से धुआं निकलने लगा और आग नजर आई। शर्मा ने बताया कि इस समय तक सभी यात्री बस के बाहर निकल चुके थे। आग बस के अगले हिस्से में थी, इसलिए उसे शांत करने के लिए इलेक्ट्रिशियन शिवम वर्मा ने प्लायर से बस के आगे का कांच तोड़ दिया।
शर्मा ने बस में रखे अग्निशमन यंत्र से आग बुझाने की कोशिश भी की, लेकिन आग ने कुछ ही देर में विकराल रूप ले लिया। इसके बाद आसपास के लोगों ने और दमकल की टीमों ने आकर आग बुझाई। इस पूरी घटना में बस के फायर सिस्टम फेल साबित हुए। बस अशोक लिलैंड कंपनी की है और सीएनजी चलित है। इसे 2019 में ही खरीदा गया है। बस को खरीदते वक्त बताया गया था कि इसमें ऑटोमैटिक फायर अलार्म सिस्टम लगा है, जो धुआं होने पर तुरंत अलार्म बजाएगा, जिससे बस स्टाफ और यात्री तुरंत बस से बाहर निकल सकेंगे। इसके साथ ही इसमें फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम आग को महसूस करते हुए पानी के फुहारे छोड़ेगा या एक ब्लास्ट करेगा, जिससे ऐसे रसायन निकलेंगे, जो आग को तुरंत बुझा देंगे। इन अत्याधुनिक सिस्टम और सुविधाओं के कारण ही बस की कीमत 1 करोड़ तक जाती है, लेकिन कल हुए हादसे के वक्त ना तो अलार्म बजा, ना पानी के फुहारे शुरू हुए, ना आग बुझाने वाले किसी रसायन का विस्फोट हुआ। अगर ऐसा होता तो बस में ना तो इतनी आग फैलती ना इतना नुकसान होता।
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