मॉस्को: रूस की अंतरिक्ष एजेंसी (Roscosmos) ने नासा (National Aeronautics and Space Administration) और अन्य अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को एक पत्र भेजकर मॉस्को पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की मांग की है. रूसी स्पेस एजेंसी ने अपने पत्र में चेतावनी दी है कि अगर प्रतिबंध हटाए नहीं गए तो अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) को नुकसान पहुंच सकता है.
रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कॉसमॉस ने लिखा NASA को पत्र
रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कॉसमॉस (Russian Space Agengy Roscosmos) के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन (Dmitry Rogozin) ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा कि पत्र में संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और यूरोप की अंतरिक्ष एजेंसियों से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को चालू रखने की अपील की है. उन्होंने अपने ट्वीट में ISS के उड़ान पथ और उसके संभावित पतन क्षेत्र को दर्शाने वाले मानचित्र को प्रदर्शित किया है, जो दुनिया के अधिकांश हिस्सों में फैला है, लेकिन मुश्किल से रूस को छूता है.
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में इस समय नासा के 4 अंतरिक्ष यात्री, 2 रूसी अंतरिक्ष यात्री और 1 यूरोपीय अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रोस्कॉसमॉस के डायरेक्टर जनरल दिमित्री रोगोजिन ने अमेरिकी प्रतिबंधों के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई है. दिमित्री रोगोजिन कहा है कि प्रतिबंधों के कारण इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भारत या चीन के ऊपर कभी भी गिर सकता है.
रूस के इंजन ही ISS के मूवमेंट पर नियंत्रण रखते हैं
रूस ने पश्चिमी देशों के लिए उपग्रहों को लॉन्च करने से इनकार करने की धमकी भी दी है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रूस के इंजन ही इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के मूवमेंट पर नियंत्रण रखते हैं. रूसी अंतरिक्ष एजेंसी के डायरेक्टर दिमित्री रोगोजिन ने इससे पहले भी कहा था कि अगर अमेरिका और यूरोपीय देश हमारे साथ सहयोग को बाधित करते हैं, तो कौन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) को अनियंत्रित होकर कक्षा से बाहर जाने और अमेरिका या यूरोप में गिरने से बचाएगा?
भारत-चीन पर 500 टन का ढांचा गिरने का खतरा है
दिमित्री रोगोजिन ने कहा कि इस बात की भी आशंका है कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का 500 टन का ढांचा भारत या चीन पर गिर जाए. क्या आप उन्हें इस खतरे में डालना चाहते हैं? क्या आप उनके लिए तैयार हैं? आपको बता दें कि आईएसएस रूस के ऊपर से उड़ान नहीं भरता है, इसलिए उसे इसके गिरने से कोई जोखिम नहीं है. यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष में करीब तीन दशकों का घनिष्ठ सहयोग खत्म होता दिख रहा है. अमेरिका समेत पूरे यूरोप ने रूस के ऊपर प्रतिबंधों की बौछार कर दी है.
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