वाशिंगटन । अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन की संसद (कैपिटल हिल) में हिंसक प्रदर्शनों में विदेशी ताकतों के शामिल होने को लेकर छानबीन भी हो रही है। खुफिया एजेंसी एफबीआइ कैपिटल हिल हिंसा मामले विदेशी हाथ तलाश रही है। एफबीआइ को आशंका है कि हिंसा में विदेशी संगठन या किसी सरकार का भी हाथ हो सकता है। मौजूदा और एक निवर्तमान अधिकारी के हवाले से मीडिया में खबर आई है कि कैपिटल हिल पर दंगा होने से पहले पांच लाख डालर का बिटकोइन में भुगतान किया गया था। अब इसकी जांच की जा रही है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार यह भुगतान फ्रांस के एक नागरिक ने अमेरिका के एक प्रमुख व्यक्ति को किया था। इस तरह का भुगतान दस्तावेजों को देखने से पता चला है। खुफिया एजेंसियां यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही हैं कि कहीं इसमें चीन, रूस और ईरान के सक्रिय तत्वों का तो हाथ नहीं है। जांच में यह भी पता चला है कि भुगतान करने वाले व्यक्ति ने 8 दिसंबर को आत्महत्या भी कर ली है।
जांच एफबीआइ और डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी दोनों ही संयुक्त रूप से कर रहे हैं। पिछले सप्ताह ही कार्यवाहक अटार्नी जनरल माइकल शेरविन ने कहा था कि 6 जनवरी की हिंसा में अंतरराष्ट्रीय संपर्कों की जांच की जा रही है। ज्ञात हो कि जो बाइडन के 30 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण को लेकर एफबीआइ ने 16 जनवरी से 20 जनवरी तक सभी पचास राज्यों में हथियार बंद प्रदर्शन की आशंका में चेतावनी जारी की है।
उललेखनीय है कि वाशिंगटन के कैपिटल हिल में 25 हजार से ज्यादा सुरक्षा गार्डों की तैनाती की गई है। वाशिंगटन में हिंसक प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए बड़ी संख्या में सैनिकों को बुलाया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक वाशिंगटन में अगले हफ्ते की शुरुआत तक 25 हजार से अधिक सैनिकों के आने का अनुमान है। बताया जाता है कि कई हजार सैनिक बसों और सेना के ट्रकों में सवार हैं जिन्होंने वाशिंगटन की ओर कूच किया है।
वहीं,बतादें कि गत छह जनवरी को अमेरिकी संसद पर हुए हमले के सिलसिल में 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यही नहीं अब तक 200 से ज्यादा संदिग्धों की पहचान भी कर ली गई है। अमेरिकी न्याय विभाग के मुताबिक फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन यानी एफबीआइ को उपद्रवियों की पहचान के लिए एक लाख 40 हजार सूचनाएं मिली हैं। सनद रहे कि एफबीआइ ने पूर्व में चेतावनी दी थी कि वाशिंगटन और देश के 50 प्रांतों की राजधानियों में 16 से 20 जनवरी के दौरान सशस्त्र प्रदर्शनों की तैयारी है।
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