नई दिल्ली: अग्निवीर योजना (Agniveer Scheme) पर अब सरकार फ्रंटफुट पर आ गई है. सड़क से लेकर संसद तक अग्निवीर पर विपक्ष के हंगामे के बीच शुक्रवार को कारगिल दिवस (Kargil Day) के मौके पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh), ओडिशा (Odisha), राजस्थान और उत्तराखंड ने अग्निवीरों को आरक्षण देने का ऐलान कर दिया. इन सभी छह राज्यों की सरकारों ने कहा कि उनके राज्य की पुलिस भर्तियों में अग्निवीरों को आरक्षण दिया जाएगा. कई सरकारों ने अग्निवीर योजना को लेकर मोदी सरकार की पीठ भी थपथपाई. कारगिल दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने अग्निवीर योजना को लेकर विपक्ष पर हमला बोला था. पीएम मोदी ने कहा था कि कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन के पैसे बचाने के लिए ये योजना लेकर आई है. कुछ लोग राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े एक संवेदनशील मुद्दे पर भी राजनीति कर रहे हैं.
छह राज्यों की ओर से जो ऐलान किए गए हैं वो अलग हैं. किसी राज्य ने पुलिस की भर्ती में आरक्षण देने का फैसला किया है तो किसी ने पुलिस के साथ वन विभाग कर्मी में भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है. कुछ राज्य सरकारों ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो अग्निवीरों को आरक्षण देने के लिए कानून भी लाएंगे. राज्यों के ऐलान के बाद से हमें यह जानना भी जरूरी है कि आखिर यूपी समेत छह राज्यों की ओर से अग्निवीरों के लिए जो ऐलान किए गए हैं वो क्या-क्या हैं?
यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने देश की सेवा करके लौटने वाले अग्निवीरों को राज्य पुलिस और पीएसी बल में महत्व (वेटेज) देने का ऐलान किया. सीएम योगी ने कहा कि अग्निवीरों के रूप में देश को प्रशिक्षित और अनुशासित युवा सैनिक मिलेंगे. हालांकि, सीएम ने यह नहीं बताया कि पुलिस और पीएसी के लिए होने वाली भर्तियों में अग्निवीरों को कितना वेटेज दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि 10 लाख अग्निवीर भारतीय सेना के अग्निपथ पर मजबूत जवान के रूप में अपनी सेवा देने के लिए आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन ये दुर्भाग्य है कि कुछ राजनीतिक दलों की खुद की सियासत देश से बड़ी हो गई है. यूपी सरकार की ओर से यह ऐलान ऐसे समय में किया गया है जब अगले कुछ महीने में यूपी पुलिस में बड़े स्तर पर भर्ती निकलने वाली है.
यूपी की तर्ज पर उत्तराखंड सरकार ने भी अग्निवीरों के लिए बड़ा ऐलान किया. सीएम धामी ने कहा कि उनकी सरकार अग्निवीरों के लिए सभी सरकारी सेवाओं में आरक्षण की व्यवस्था करने का प्रावधान कर रही है. इस संबंध में जरूरी होने पर अधिनियम भी लाया जाएगा ताकि अनुशासित और कौशल से भरपूर सैनिकों की सेवाएं सरकार को हासिल हो सके. मुख्यमंत्री ने अग्निवीरों को लेकर अपने अधिकारियों को योजना तैयार करने का भी निर्देश दिया है. इसके साथ-साथ सरकार अग्निवीरों को रोजगार से जुड़े प्रशिक्षण देने के लिए एक कौशल विकास कार्यक्रम भी तैयार कर रही है. सीएम ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो प्रस्तावों को विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा. हालांकि, उत्तराखंड सरकार पहले भी यह बात कह चुकी है.
मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने भी अग्निवीरों के लिए बड़ा ऐलान किया. सीएम ने कहा कि उनकी सरकार पुलिस और सशस्त्र बलों की भर्ती में अग्निवीरों का आरक्षण देगी. उन्होंने कहा कि अग्निवीर योजना वास्तव में न केवल सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने और सक्षम जवानों की भर्ती करने का प्रयास है, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर युवा बनाने का भी प्रयास है. अग्निपथ का उद्देश्य सेनाओं को युवा बनाना है. अग्निपथ का उद्देश्य सेनाओं को लगातार युद्ध के लिए फिट रखना है. उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे पर पीएम मोदी की भावनाओं के साथ चलेंगे.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शुक्रवार को घोषणा की कि उनकी सरकार पुलिस आरक्षक भर्ती, वन रक्षक भर्ती समेत अन्य पदों की भर्ती में राज्य के आग्निवीरों को आरक्षण मुहैया कराएगी. उन्होंने कहा कि अग्निवीर जब सेना में अपनी सेवा देने के बाद वापस लौटेंगे तब राज्य सरकार नौजवानों को पुलिस सेवा में आरक्षक, वन सेवा में वन रक्षक और जेल प्रहरी जैसे पदों पर प्राथमिकता के आधार पर आरक्षण प्रदान करेगी. अग्निवीरों को मिलने वाले आरक्षण को लेकर सरकार जल्द ही दिशा-निर्देश जारी करेगी.
ओडिशा सरकार ने राज्य की सेवाओं में अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया. इसके साथ-साथ सरकार ने भर्ती के दौरान अग्निवीरों को उम्र में पांच साल की छूट की भी घोषणा की. सीएम चरण माझी ने कहा कि हमारे सैनिक हमारा गौरव हैं. हमारे रक्षा बलों की ओर से प्रशिक्षित अग्निवीर अलग-अलग-क्षेत्रों में राष्ट्र की सेवा करने के लिए योग्य हैं. अग्निवीर योजना पीएम मोदी की ओर से शुरू की एक ऐतिहासिक पहल है. इस पहल ने हमारे युवाओं को सझम और निडर बनाया है ताकि वे जीवन में विभिन्न चुनौतियों का सामना कर सकें.
राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने भी अग्निवीरों के लिए आरक्षण का ऐलान किया है. सरकार ने कहा कि वो सेना में अग्निवीर के रूप में सेवाएं देने वाले युवाओं को राज्य पुलिस, जेल प्रहरी और वनरक्षक भर्ती में आरक्षण देगी. सीएम शर्मा ने कहा कि समर्पण और राष्ट्रभक्ति की भावना से देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले अग्निवीरों के लिए राजस्थान सरकार ने राज्य पुलिस, जेल प्रहरी और वनरक्षक भर्ती में आरक्षण का प्रावधान किया है. अग्निवीरों को देश की सेवा के बाद राज्य में भी काम करने का अवसर मिलेगा.
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