नई दिल्ली। कृषि कानून के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को 11 महीने हो चुके हैं। इस बीच किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर (Gajipur border) पर सड़क (Road) खोलने की कवायद शुरू की, लेकिन 24 घंटे (24 hours) बाद भी किसान (Farmers) उस टैंट को हटा नहीं सके (Could not remove the tents) जिस टैंट को हटाने के लिए उनके नेता ने आदेश दिए थे।
किसानों ने सड़क मार्ग खोलने के लिए गुरुवार को बॉर्डर पर लगे टैंटों को हटाना शुरू तो किया, लेकिन पूरी तरह से हटाया नहीं। किसान नेता यह कहते हुए नजर आये कि, रास्ता हमने नहीं, बल्कि पुलिस ने बंद किया हुआ है। शुक्रवार को पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड पर मोदी सरकार रास्ता खोलो लिख दिया गया है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आईएएनएस को बताया कि, रास्ता नहीं खुल सका है, आप बताएं क्या करें ? हमने अपनी तरफ से रास्ता खोल दिया है क्योंकि हमारी तरफ से कोई रास्ता बंद नहीं है। जो पर्दा लगा रखा था हमने उस पर्दे को हटाया है। उन्ही के बैरिकेड पर लिख दिया है मोदी सरकार रास्ता खोले।
दरअसल उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध करने का अधिकार है, लेकिन वे अनिश्चितकाल के लिए सड़क अवरुद्ध नहीं कर सकते।
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