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किसान की गोली लगने से नहीं, सिर में गंभीर चोट से हुई थी मौत

July 15, 2021

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली हिंसा (Tractor Rally Violence) के दौरान उत्तर प्रदेश के रामपुर के रहने वाले 24 वर्षीय युवक नवरीत सिंह (Navreet Singh, a 24-year-old youth from Rampur, Uttar Pradesh) की मौत गोली से नहीं, बल्कि सिर में गंभीर चोट लगने से हुई थी। यह खुलासा रामपुर के एक अस्पताल में हुए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद तीन डॉक्टरों के एक पैनल ने किया है। कोर्ट के आदेश पर मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के पैनल का गठन किया गया था, जिसने अध्ययन के बाद यह रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट मामले की जांच कर रही अपराध शाखा को दी गई है।


सिर व मुहं में गभीर चोट
डॉक्टरों के पैनल ने रामपुर के अस्पताल में हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कॉपी, एक्सरे प्लेट, वीडियो व संबंधित सामग्री के आधार पर बारीकी से अध्ययन करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में पोस्टमार्टम रिपोर्ट को ही माना गया है, जिसमें यह कहा गया था कि सिर (स्कल्प) और मुहं में गंभीर चोट आने, हड्डियों के टूटने व खून का ज्यादा रिसाव होने के कारण मौत हुई है। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि इसमें किसी बाहरी चीज जैसे ‘मेटालिक रेडियो ओपेसिटी’ का कोई उल्लेख नहीं मिलता है। इस आधार पर यह माना जा रहा है कि चूंकि नवरीत ट्रैक्टर पलटने से गिर गया था, इस कारण उसके सिर व मुहं में गंभीर चोट आई जिससे उसकी मौत हो गई थी।

परिजनों का ये था आरोप
दरअसल किसान और परिजनों ने यह आरोप लगाया था कि नवरीत को गोली मारी गई है। रामपुर की उत्तराखंड सीमा से सटी डिबडिबा कॉलोनी निवासी नवरीत सिंह घटना के पांच दिन पहले किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए गाजीपुर बार्डर आया था। वह गणतंत्र दिवस पर निकाले गए ट्रैक्टर परेड में शामिल था। इस दौरान ही उसका ट्रैक्टर पलट गया था। ट्रैक्टर पलटने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुआ था, लेकिन प्रत्यक्षदर्शी किसानों व पिता साहब सिंह ने आरोप लगाया था कि नवरीत की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई थी। हालांकि उस वक्त भी पुलिस ने यह बयान दिया था कि उपद्रव के दौरान ट्रैक्टर पलटने से चालक नवरीत की मौत हुई थी।

कोर्ट ने क्या दिया था आदेश
आरोप के बीच नवरीत के शव का उत्तर प्रदेश के रामपुर जिला अस्पताल में कड़ी सुरक्षा के बीच पोस्टमार्टम कराया गया था। लेकिन परिजन पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी सहमत नहीं थे। लिहाजा उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था तो दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिया कि उस किसान के शव की एक्स-रे रिपोर्ट का परीक्षण करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जाए। आदेश में यह कहा गया था कि मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर एक्स-रे रिपोर्ट, उस मूल एक्स-रे प्लेट से तैयार करें, जिसे दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस से हासिल किया था।

कोर्ट ने कहा कि चिकित्सकीय और फोरेंसिक विशेषज्ञों, रेडियोलॉजिस्ट समेत अन्य सदस्यों वाले एक बोर्ड की तरफ से रिपोर्ट का परीक्षण किया जाए।

परिजनों को वीडियो फुटेज दिखाया

डॉक्टरों के पैनल की रिपोर्ट के अलावा अदालत की तरफ से घटना को लेकर जो वीडियो फुटेज पुलिस के पास था, उसे भी परिजनों को दिखाने के लिए कहा गया था। कोर्ट के आदेश के तहत मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने यह वीडियो परिजनों को दिखाया भी था, ताकि उन्हें यह पता चले कि घटना के दौरान पुलिस की तरफ कोई गोली नहीं चलाई गई थी, नवरीत की मौत चोट लगने के कारण हुई थी। (एजेंसी, हि.स.)

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