अनावश्यक घूमने वाले 226 लोगों को अस्थायी जेल भी भेजा… आज भी रहेगी सख्ती, लेकिन कई सही लोग भी हुए परेशान
इंदौर। जनता कर्फ्यू (Janata curfew) का वैसे तो मतलब होता है स्वेच्छा सो लोग घर से बाहर ना निकलें और पुलिस-प्रशासन (police-administration) उन पर जबरिया सख्ती नहीं कर सकता, लेकिन कोरोना संक्रमण बढऩे और अनावश्यक सडक़ों पर निकल रहे लोगों की भीड़ कम करने के लिए कल से सख्ती की गई और पुलिस-प्रशासन, निगम ( corporation) की टीम ने सुबह से धरपकड़ भी शुरू कर दी और आज भी इसी तरह सख्ती जारी है। इस चक्कर में मरीजों के परिजनों से लेकर दवाई, इंजेक्शन (infection) या अन्य जरूरी काम से निकले लोगों को भी थानों में बैठा दिया। वहीं 226 लोगों को कोरोना प्रोटोकाल ( corona protocol) उल्लंघन के चलते अस्थायी जेल में भी भेजा गया और हर थाने को एक-एक बस भी दी गई, जिनमें भर-भरकर इन लोगों को अस्थायी जेल (temporary jail) ले जाया गया। वहीं मास्क से लेकर अन्य उल्लंघन में भी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की। कई जगह से सब्जी के ठेले लगवाए और 12 बजे के बाद सख्ती से सब्जी-किराना दुकानें भी बंद करवा दी ।
बीते कई दिनों से इंदौर में डेढ़ हजार से अधिक नए कोरोना मरीज हर 24 घंटे में मिल रहे हैं, जिसके चलते सभी अस्पताल पूरी तरह से भर गए और कई बड़े अस्पतालों में तो पार्किंग एरिया और अन्य जगह अतिरिक्त बेड लगाकर इलाज करना पड़ रहा है। 12 हजार से अधिक कोरोना मरीजों का अधिकृत रूप से इलाज चलना मेडिकल बुलेटिन में बताया गया है, लेकिन यह आंकड़ा 20 हजार से अधिक है, क्योंकि इंदौर के अस्पतालों में आधे मरीज तो आसपास के जिलों से लाकर ही भर्ती किए गए हैं। ऑक्सीजन-इंजेक्शन (infection) और एक-एक बेड की मारामारी चल रही है। तमाम कोरोना मरीजों के परिजन सुबह से रात तक इसी की मशक्कत में जुटे हुए इधर से उधर मारामारी कर रहे हैं। इन लोगों को कल और भी परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि कई जगह पुलिस जवानों ने रोका-टोकी की और अस्पतालों ((hospitals) में भर्ती मरीजों के परिजन जो कि खाना, दवाई या अन्य सामान ले जा रहे थे और उससे भी अधिक इंजेक्शनों के लिए भी लोग शहर में इधर-उधर भटक रहे हैं, उन्हें भी रोका गया। बल्कि कई लोगों को तो थाने पर ही बैठा लिया और 5-6 घंटे के बाद छोड़ा। वे बार-बार कहते रहे कि अस्पताल में भर्ती अपने परिजन के लिए खाना या दवाई लेने निकले हैं, मगर उनकी नहीं सुनी गई। कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं लोक स्वास्थ्य के बचाव हेतु कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री मनीष सिंह द्वारा जिले में 30 अप्रैल तक जनता कर्फ्यू लागू किया गया है। कलेक्टर श्री सिंह के निर्देशन में प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों द्वारा जनता कफ्र्यू की गाइडलाइन एवं कोरोना प्रोटोकॉल का सख्त रुप से पालन करवाया जा रहा है। बुधवार की सुबह से ही पुलिस टीम के साथ जिले के समस्त अपर कलेक्टर, एसडीएम एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेटों द्वारा जनता कर्फ्यू के नियमों का पालन करवाने हेतु कार्रवाई की जा रही है। अपर कलेक्टर पवन जैन ने बताया कि कर्फ्यू के नियमों एवं कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले 226 व्यक्तियों को बुधवार को अस्थाई जेल भेजा गया। जिले के प्रत्येक थाने पर एक बस रिजर्व की गई है, जिसके माध्यम से नियमों का उल्लंघन करने वालों को अस्थाई जेल भेजा जा रहा है। कलेक्टर सिंह ने जिले के सभी नागरिकों से अनुरोध किया है की वे जनता कर्फ्यू के नियमों का पालन करें।
इंजेक्शनों की कालाबाजारी कर रहे 3 रासुका में निरुद्ध
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी में सलग्न पाए गये तीन आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करते हुए रासुका में निरुद्ध करने के आदेश जारी किए गए हैं। राजेंद्र नगर थाना टीआई श्रीमती अमृता सोलंकी ने बताया कि 17 अप्रैल को प्राप्त हूई शिकायत पर नीलेश पिता घनश्याम चौहान निवासी जयरामपुर कॉलोनी इंदौर को रेमडेसिवीर की कालाबाजारी करते पाए जाने पर गिरफ्तार कर उसके विरुद्ध राजेंद्र नगर थाने मे एफआईआर दजऱ् की गई थी। नीलेश से प्राप्त हुई जानकारी के आधार पर शुभम पिता पुरुषोत्तम परमार एवं भूपेंद्र उर्फ़ सचिन पिता पुरुषोत्तम परमार की भी रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी में संलिप्तता पाई गई थी।
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