नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश और बिहार समेत देश के कई राज्यों के 508 रेलवे स्टेशनों की सूरत बदलने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इन रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रख दी है. इस परियोजना की लागत 24 हजार 470 करोड़ रुपए है. इन रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत होगा.
पीएम मोदी ने ट्वीट कर आज के दिन को ऐतिहासिक दिन बताया और कहा कि 25 हजार करोड़ रुपये के पुनर्विकास कार्यक्रम से रेलवे के बुनियादी ढांचे में क्रांतिकारी बदलाव आएगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने जनता की भावनाओं का आदर करते हुए सभी कामों को पूरा किया है. साउथ अफ्रीका, यूक्रेन, पोलैंड और स्वीडन में जितना रेल ट्रैक है, उतना भारत ने पिछले 9 साल में बनाए हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि देश का लक्ष्य है, रेलवे की यात्रा हर नागरिक के लिए सुलभ और सुखद हो. उन्होंने कहा कि ट्रेन के स्टेशन से लेकर बाहर तक, उम्दा सुविधा मुहैया कराई जा रही हैं. स्टेशन पर मुफ्त वाई फाई की सुविधा से युवाओं को काफी लाभ हुआ है. समय के साथ रेलवे स्टेशन हार्ट ऑफ द सिटी बन चुके हैं. देशी और विदेशी जो भी ट्रेन से पहुंचेगा, बढ़िया काम देखकर उसकी याद और अच्छी हो जायेगी.
पीएम मोदी ने आगे कहा, ”मैं इस ऐतिहासिक अभियान के लिए रेल मंत्रालय की सराहना करता हूं. आज पूरी दुनिया की दृष्टि भारत को लेकर बदली है. सरकार ने वन स्टेशन वन प्रोडक्ट की शुरुआत की है. इन स्टेशन में देश की स्थानीय संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी.”
पीएम मोदी ने विपक्ष पर भी बोला हमला
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने विपक्ष पर भी हमला बोला. पीएम मोदी ने कहा कि दुर्भाग्य से हमारे देश में विपक्ष का एक धड़ा पुराने ढर्रे पर चल रहा है. ये न काम करेंगे न ही करने देंगे. हमने देश को नई संसद दी तो विपक्ष ने इसका विरोध किया. कर्तव्य पथ बनाया, उसकी भी आलोचना हुई. उन्होंने कहा कि कुछ राजनीति दल गांधी और सरदार जी को याद तो कर लेते हैं, पर इनको फॉलो नहीं करते. हम नकारात्मक सोच से ऊपर उठे हैं. सबका साथ सबका विकास में यकीन करते हैं.
कार्यक्रम से जुड़े 10 लाख लोग
बता दें कि देशभर के 508 रेलवे स्टेशन से 10 लाख लोग इस कार्यक्रम से जुड़े हैं. 4 लाख छात्र और 1 लाख शिक्षक भी कार्यक्रम में शामिल हैं. इसके अलावा 19 राज्यों के राज्यपाल और एलजी, 11 राज्यों के मुख्यमंत्री, 16 केंद्रीय मंत्री, 28 केंद्रीय राज्य मंत्री और 66 राज्य मंत्री भी कार्यक्रम के साक्षी बने.
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