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    हर जिले में ड्राइविंग सेंटर खोलने की कवायद शुरू

  • January 22, 2021

    • प्रदेश के 21 जिलों से ड्राइविंग सेंटर खोलने 26 आवेदन आए
    • ड्राइविंग की ट्रेनिंग लेने वालों के बिना टेस्ट बनेंगे लाइसेंस

    भोपाल। देशभर में बढ़ते सड़क हादसों को कम करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने हर जिले में ड्राइविंग सेंटर खोलने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया चल रही है। प्रदेश के 21 जिलों से 26 आवेदन परिवहन आयुक्त कार्यालय पहुंच चुके हैं। ऐसे आवेदनों की जांच करने के बाद परिवहन आयुक्त द्वारा ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के पास प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं। यहां से मंजूरी मिलने के बाद जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खुलेंगे। एक सर्वे के मुताबिक देश में हर साल लगभग 1.50 लाख लोग सड़क दुर्घटना में जान गवां देते हैं। ट्रेनिंग सेंटर खोलने के पीछे केंद्र सरकार की मंशा चालकों को ट्रेनिंग देकर ऐसे हादसों में कमी लाना है ताकि गलत ड्राइविंग से लोग सड़क दुर्घटना के शिकार होने से बच सकें। ट्रेनिंग सेंटर से ट्रेनिंग लेने वाले चालकों को आरटीओ कार्यालय में टेस्ट दिए बिना ही ड्राइविंग लाइसेंस सीधे जारी किए जाएंगे।

    हल्के से लेकर भारी वाहन चलाने की दी जाएगी ट्रेनिंग
    अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन अरविंद सक्सेना ने बताया कि ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर में वाहन चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ऐसे चालकों को जिन्हें ड्राइविंग लाइसेंस जारी हो चुके हैं और वे कॉमर्शियल वाहन चला रहे हैं, उन्हें भी ट्रेनिंग देकर परिपक्व किया जाएगा। इसके लिए अलग से आवेदन कर टेस्ट देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अभी लर्निंग लाइसेंस के बाद स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस बनता है, जिसके लिए टेस्ट देना अनिवार्य है। खास बात यह है कि ट्रेनिंग सेंटर खोलने में जो खर्च आएगा, उसका 50 फीसदी या अधिकतम एक करोड़ रुपए तक केंद्र सरकार प्रदान करेगी।

    ट्रेनिंग सेंटर के लिए 2 एकड़ जमीन
    अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) अरविंद सक्सेना ने बताया कि ट्रेनिंग सेंटर के लिए खुद की स्वामित्व की 2 एकड़ जमीन या फिर 10 वर्ष की लीज पर ली गई हो। दो कमरे जो कंप्यूटर और मल्टीमीडिया से सुसज्जित हों। वाहनों के लिए अलग-अलग सिम्युलेटर व ड्राइविंग ट्रैक की अनिवार्यता है। उप-परिवहन आयुक्त एके सिंह का कहना था कि हर साल 1.50 लाख लोग सड़क दुर्घटना में जान गवां देते हैं। ऐसे हादसे ज्यादातर ड्राइवर की गलती के कारण होते हैं। परिवहन आयुक्त मुकेश कुमार जैन ने उप-परिवहन आयुक्त, ग्वालियर चंबल संभाग एके सिंह की अध्यक्षता में एक 6 सदस्यीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का गठन भी किया है।

    कहां से कितने आवेदन आए
    ग्वालियर सहित प्रदेश के 21 जिलों से 25 आवेदन ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए प्राप्त हो चुके हैं। ग्वालियर-1, छतरपुर- 2, दमोह-1, रीवा-1, सागर-1, सीहोर- 3, विदिशा- 2, बैतूल- 2, बालाघाट- 2, सीधी-1, शिवपुरी- 1, होशगांबाद- 1, शाजापुर- 1, हरदा- 1, जबलपुर- 1, श्योपुर- 1, नरसिंहपुर- 1, देवास- 4, आगर- 1, रतलाम- 1, बड़वानी से एक आवेदन आया है।

    इनका कहना हैं
    ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए जो आवेदन आ रहे हैं, उन्हें एकत्र कर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं। ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए केंद्र सरकार से अधिकतम एक करोड़ की सब्सिडी मिलेगी। केंद्रीय मंत्रालय से मंजूरी मिलते ही प्रदेश के हर जिले में ऐसे ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएंगे। ऐसे सेंटर से ट्रेनिंग लेने वाले चालकों को सीधे ड्राइविंग लाइसेंस जारी होंगे।
    मुकेश कुमार जैन, परिवहन आयुक्त

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