भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इस समय शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) लगातार उन जगहों (places) के नाम बदल (Name Change) रही है, जिनका नाता मुगल काल (Mughal period) से रहा हो. इस्लाम नगर (Islam Nagar) का नाम जगदीशपुर (Jagdishpur) रखने पर खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने बधाई दी. वहीं आगे भी कई जगहें ऐसी हैं, जिनके नाम सरकार बदलने वाली है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार की इस मुहिम का कांग्रेस जमकर विरोध कर रही है. देशभर में इस वक्त कई जगहों के नाम बदले गए हैं.
हाल ही में मुगल गार्डन का नाम ‘अमृत उद्घान’ रख दिया गया, लेकिन मगर लगता है कि मध्य प्रदेश सरकार इस रेस में सबसे आगे है. बीते दो वर्षों के कई जगहों के नाम बदल दिए गए. बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा का कहना है की जो भी मुगल काल के नाम होंगे, उसे हम जरूर बदलेंगे. मुझे तो समझ नहीं आता है कि कांग्रेस के पेट में क्यों दर्द होता है? कांग्रेस ने तो खुद गुलामी की है. वो खुद तो नाम बदल नहीं पाए. मध्य प्रदेश में तो नाम बदले जाएंगे.
इन जगहों के नाम बदले गए
इन जगहों के नाम भी बदले जाएंगे
मध्य प्रदेश में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में करीब 50 से ज्यादा ऐसी जगहें हैं, जिनके नाम सरकार बदलना चाहती है. सीहोर जिले का नसरुल्लागंज, रायसेन जिले का औबेदुल्लागंज और सुल्तानपुर, गौहरगंज, बेगमगंज सहित अन्य शहरों-कस्बों के नाम शामिल हैं. इनमें से नसरुल्लागंज का नाम भेरूंदा करने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 22 फरवरी 2021 को कर चुके हैं.
वहीं भोपाल नगर निगम परिषद वर्ष 2017 में शहर का नाम भोजपाल करने का प्रस्ताव पारित कर शासन को भेज चुकी है, जो लंबित है. इंदौर के खजराना का नाम बदलकर गणेश नगर रखने पर विचार किया जा रहा है. भोपाल के ईदगाह हिल्स का नाम बदलकर गुरुनानक टेकरी, लालघाटी एवं हलालपुर का नाम बजरंग नगर रखने की मांग भोपाल संसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर कर चुकी हैं. इस तरह से करीब 50 से ज्यादा ऐसी जगहें हैं, जिनके नाम सरकार को बदलने हैं.
कांग्रेस कर रही विरोध
सरकार की नाम बदलने की मुहिम पर कांग्रेस ने तो मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस के मीडिया प्रभारी के.के मिश्रा इस्लामनगर का नाम बदल कर जगदीशपुर रखने पर इतने नाराज हुए कि उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी को इस्लाम, मुगल शासकों के नाम से नफरत है तो अमित शाह के नाम में जो शाह शब्द है, वह मुगल शासकों का नाम लगता था तो क्या बीजेपी उन पर भी दबाव डाल कर कहेगी की नाम हटा लें.
वहीं विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि सरकार अपना नाम नहीं काम बदले. ये सिर्फ मुद्दों से भटकने वाली राजनीती है. यही नहीं कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष अब्बास हाफिज सरकार के फैसले से इतने नाराज हैं कि उन्होंने बीजेपी के मुस्लिम नेताओं के नाम बदलने की ही बात कर दी.
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