नई दिल्ली: बाजारों में पैकेट में मिलने वाले सामानों को लेकर जरूरी नियम को सरकार ने फिलहाल 2 महीने के लिए टाल दिया है. ये नियम 19 जरूरी प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग (New Packaging Rule) से जुड़े हैं और इनका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, इसलिए सरकार ने कंपनियों को समय दिया है ताकि इससे जुड़े आवश्यक कदम उठाए जा सकें. अब ये नए नियम अब 1 अप्रैल से लागू होंगे.
केंद्र सरकार ने 19 सामानों, जिनमें से ज्यादातर प्रोडक्ट्स दैनिक उपयोग की जरूरतों से जुड़े हैं, जिनके लिए नए पैकेजिंग नियम बनाए हैं. इन सामानों में दूध, चाय, बिस्किट, खाने का तेल, आटा, बोतलबंद पानी, बेबी फूड, दाल और अनाज, ब्रेड, कपड़े धोने का पाउडर और सीमेंट बैग आदि शामिल हैं.
पैकेट पर कंपनियों को देनी होगी जरूरी जानकारी
पैकेजिंग से जुड़े इन नए नियमों के अनुसार, कंपनियों को इस बात की पूरी आजादी होगी कि वो किसी भी वजन का पैकेज उतार सकती है, हालांकि अगर वेट स्टैंडर्ड से कम हुआ जैसे 1 किलो, या एक लीटर तो कंपनी को पैकेज में कीमत की जानकारी प्रति ग्राम या प्रति मिली लीटर में देनी होगी.
इसका मतलब यह हुआ कि अब कंपनियों को प्रोडक्ट्स के साथ-साथ कीमत के बारे में भी और स्पष्ट जानकारी देनी होगी. वहीं, सामान पर निर्माण तारीख और आयातित सामान पर उस देश का नाम लिखा होना जरूरी होगा, जहां से उसे इम्पोर्ट किया गया है.
ग्राहकों को इससे क्या फायदा?
दरअसल बाजार में कई सामानों के ऐसे पैकेट उपलब्ध होते हैं जिसमें मैन्युफैक्चरिंग की तारीख या फिर वो किस देश से मंगाया गया है उसके बारे में जानकारी नहीं दी होती है. अप्रैल में नए नियमों के लागू हो जाने से ग्राहक यह सब जान सकेंगे. वहीं बेहद छोटे भार के पैकेट जो 5 या 10 रुपये में मिलते हैं, उसमें भी ग्राहक को पता चल सकेगा कि सस्ते के नाम पर कहीं कंपनी सामान को प्रति ग्राम महंगा तो नहीं बेच रही है. पैकेजिंग के इन नियमों का उद्देश्य खरीदी में उपभोक्ताओं की मदद करना होगा.
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