इंदौर। नगर निगम द्वारा करीब 25 से ज्यादा सफाई कामगारों की टीम और एक दरोगा के साथ-साथ कचरा उठाने के कई वाहन खंडवा रोड स्थित यूनिवर्सिटी परिसर के सफाई कार्य में लगाए जाते रहे हैं। अब निगम ने यूनिवर्सिटी को दो टूक कह दिया है कि वह इस सफाई व्यवस्था को नहीं संभाल सकते, इसलिए यूनिवर्सिटी अपने स्तर पर एजेंसी के माध्यम से यह कार्य कराए। दरअसल इसके पीछे मामला यह है कि निगम का यूनिवर्सिटी पर डेढ़ करोड़ रुपया सफाई का बाकी है और कई बार पत्र लिखने के बावजूद विवि ने इसका भुगतान नहीं किया है।
पिछले एक साल के दौरान बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य विभाग के कई सफाई कर्मचारियों के रिटायर होने और साथ ही कई दरोगाओं और स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा नौकरी को अलविदा कहे जाने के चलते निगम में कर्मचारियों का पहले से ही टोटा है। खासकर स्वास्थ्य और ड्रेनेज विभाग में कर्मचारियों की कमी सबसे ज्यादा है। ड्रेनेज विभाग में भी लाइनों के सफाई कार्य इसी के चलते प्रभावित होते हैं। देवी अहिल्या विवि खंडवा रोड के पूरे परिसर की सफाई के लिए बीत कई वर्षों से नगर निगम का लंबा-चौड़ा फौजपाटा वहां तैनात रहता था। इनमें 25 सफाई कर्मचारी, एक दरोगा और दो से तीन हल्ला गाडिय़ां कचरा समेटने के लिए लगाई जाती रही हैं। इसके चलते निगम के कई कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। निगम के अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन के मुताबिक एक वार्ड में लगने वाला सफाई कामगारों का अमला और संसाधन यूनिवर्सिटी परिसर की सफाई में ही लग जाते हैं और सुबह से लेकर शाम तक वहां कर्मचारियों की तैनाती रहती है। निगम के पास पहले ही स्टाफ की कमी है, इसके चलते हमने यूनिवर्सिटी से स्पष्ट कहा है कि वह अपने स्तर पर किसी भी एजेंसी को अपने परिसर की सफाई व्यवस्था का जिम्मा सौंपे। अब निगम यह कार्य नहीं कर पाएगा। सूत्रों के मुताबिक विवि परिसर में बीते कई सालों से निगम का अमला सफाई व्यवस्थाओं को अंजाम देता रहा है, लेकिन डेढ़ से पौने दो करोड़ रुपए की राशि निगम पर बाकी है। इसके लिए निगम अफसरों ने कई बार विवि को पत्र भी लिखे, लेकिन वहां तैनात स्टाफ और संसाधनों का पैसा अब तक नहीं मिला है, जिसके चलते निगम ने अब वहां की सफाई व्यवस्था से हाथ खींच लिए हैं।
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