तेहरान. इजरायल (Israel) ने शनिवार को ईरान (Iran) पर बड़ा हमला किया. इजरायली सेना ने कहा कि उसने ईरान के मिलिट्री ठिकानों (Military bases) को निशाना बनाया और नष्ट कर दिया. इजरायली हवाई हमलों (Air strikes) ने ईरान की मिसाइल प्रोडक्शन यूनिट (Missile Production Unit) को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है जो ईरान के लिए एक बहुत बड़ा झटका है.
Axios ने शनिवार को एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी का हवाला देते हुए इसकी जानकारी दी. रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार सुबह ईरान के खिलाफ इजरायल के हमलों ने ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम की एक महत्वपूर्ण यूनिट को पूरी तरह नष्ट कर दिया.
ध्वस्त किए 12 प्लेनेटरी मिक्सर
इजरायली सूत्रों ने आउटलेट को बताया कि इजरायल ने लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए ठोस ईंधन (Solid Fuel) का उत्पादन करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले 12 ‘प्लेनेटरी मिक्सर’ को ध्वस्त कर दिया, जो ईरान के मिसाइल शस्त्रागार का बड़ा हिस्सा बनाते हैं.
ये मिक्सर बेहद एडवांस्ड उपकरण हैं जिन्हें ईरान खुद नहीं बनाता बल्कि ये चीन से खरीदे जाते हैं. इन इंडस्ट्रियल मिक्सर को बनाना और इन्हें निर्यात करना बहुत कठिन है. ईरान ने पिछले कुछ वर्षों में भारी कीमत पर कई मिक्सर आयात किए हैं. इजरायल ने कहा कि उसके हमले ‘लक्षित और सटीक’ थे और उसका मकसद पूरा हो गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, इन हमलों से ईरान के मिसाइल भंडार को रिन्यू करने की क्षमता गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई है. एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने आउटलेट से पुष्टि की है कि इजरायली हमले ने ईरान की मिसाइल उत्पादन क्षमता को बर्बाद कर दिया है.
इजरायल के साथ आया अमेरिका
इजरायल के मुताबिक उसने ईरान के मिलिट्री ठिकानों पर हमले किए, पॉवर प्लांट को निशाना बनाया और ऑयल रिफायनरी पर भी धावा बोला. इजरायली सेना ने दावा किया कि सारे हमलों को अंजाम देने के बाद उसके सारे विमान सुरक्षित लौट आए. शनिवार को हुए हमलों के दौरान न सिर्फ इजरायल बल्कि अमेरिका ने भी ईरान को धमकी दी.
इजरायल ने कहा कि अगर ईरान जवाब देता है तो उसके पास अपने नागरिकों की रक्षा करने का पूरा अधिकार है. वह ‘हमले और बचाव दोनों के लिए तैयार है’. वहीं अमेरिका ने भी कहा कि वह स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है और अगर ईरान हमला करता है तो वह इजरायल की मदद के लिए आगे आएगा.
ऑपरेशन डेज ऑफ रिपेंटेंस
इजरायली सेना आईडीएफ ने ईरान के खिलाफ शनिवार तड़के किए गए हमले को ‘ऑपरेशन डेज ऑफ रिपेंटेंस’ (पछतावे के दिन) नाम दिया. इजरायल ने ईरान के कई शहरों में रॉकेट बरसाए. हालांकि, इजरायल ने बताया कि उसने ईरान की आम जनता को कोई नुकसान न पहुंचाते हुए सिर्फ सैन्य ठिकानों को ही निशाना बनाया है. ईरान ने स्वीकार किया है कि इजरायली हमले में उसके दो सैनिक मारे गए हैं. ईरानी सेना के मुताबिक ये दो सैनिक उसके मिसाइल ऑपरेशन का हिस्सा थे.
‘हमारा उद्देश्य पूरा हुआ’
आईडीएफ प्रवक्ता ने हमले की जानकारी देते हुए कहा कि कुछ समय पहले, आईडीएफ ने ईरान के कई क्षेत्रों में सैन्य ठिकानों पर हमला किया और हमारे सभी विमान सुरक्षित अपने बेस पर लौट आए हैं. यह हमला हाल के महीनों में इजरायल और उसके नागरिकों के खिलाफ ईरानी हमलों के जवाब में किया गया था. उन्होंने बताया कि जवाबी हमला पूरा हो गया है और उद्देश्य पूरा कर लिया गया है.
उन्होंने कहा, ‘ईरान ने अप्रैल और अक्टूबर के महीनों में इजराइल पर सैकड़ों मिसाइलें दागी थीं. इजराइल को नुकसान पहुंचाने के प्रयासों के साथ-साथ ईरान मीडिल ईस्ट की सुरक्षा, स्थिरता और वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए काम कर रहा है.’
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