भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) का सम्पूण जीवन हमें त्याग और जीने की प्रेरणा देता है। उनका जीवन आदर्श से भरा हुआ है। कठिन से कठिन समय में भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) के जीवन से प्रेरणा लेकर नई ऊर्जा प्राप्त होती है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार देर शाम भोपाल (Bhopal) के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में श्रीकृष्ण पाथेय कार्यक्रम (Sri Krishna Patheya Program) को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े अनेक प्रसंग हैं। उन्होंने मानव अवतार में समाज के कल्याण के लिए अनेक कार्य किए। उनके प्रसंगों से हमें समाज कल्याण की शिक्षा मिलती है। यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बनाई गई नई शिक्षा नीति : 2020 में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े पाठ्यक्रमों को भी सम्मिलित किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण जानते थे कि जिसने जन्म लिया है, उसकी मृत्यु भी होगी। इसलिए वह हमेशा मुस्कराते रहते थे। उन्हें मृत्यु का कोई भय नहीं था। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण की स्मृतियों को जीवित रखने के लिए उनसे जुड़े स्थानों का विकास किया जा रहा है। मध्यप्रदेश की तरह ही राजस्थान, असम, पूर्वोत्तर राज्यों सहित पूरे देश में भगवान कृष्ण की स्मृतियों को अक्षुण्ण बनाए रखने का कार्य हो रहा है।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से हमें लोकतंत्र चलाने की भी सीख मिलती है। उनके जीवन को समझने के लिए गहराई तक जाना जरूरी है। उनका जीवन समुंदर की भांति है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जीवन सहनशीलता, समझदारी और संवेदनशीलता का समुच्चय है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा जनहित के अनेक कार्य किए जा रहे हैं। गलती करने वालों को दंडित भी किया जा रहा है। समाज के कल्याण के कार्यों में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है। सरकार के उत्तरदायित्व का संवेदनशीलता से निर्वहन किया जा रहा है।
कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के विकास एवं भगवान श्रीकृष्ण के जीवन पर केंद्रित लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया।
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